Edited By Ajay kumar,Updated: 02 Jul, 2018 03:19 PM
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार से राज्य में हाल के दिनों में हुयी मुठभेड़ों पर नोटिस जारी करके दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली/लखनऊ: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार से राज्य में हाल के दिनों में हुयी मुठभेड़ों पर नोटिस जारी करके दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
उत्तर प्रदेश में मुठभेड़ों के खिलाफ स्वयंसेवी संगठन(एनजीओ) पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी ने याचिका दायर की है जिसमें कई मुठभेड़ों के फर्जी होने का आरोप लगाया गया है। एनजीओ की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड की खंडपीठ ने नोटिस जारी करके दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।
संगठन की तरफ से अधिवक्ता संजय पारिख ने दाखिल याचिका में आरोप लगाया है कि हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश में कम से 500 मुठभेड़ हुई हैं जिनमें 58 लोग मारे गए हैं। पीठ ने इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को भी पक्षकार बनाने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।
भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में पिछले मार्च में उत्तर प्रदेश में नयी सरकार का गठन हुआ था। नयी सरकार के बाद राज्य में कानून और व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पुलिस मुठभेड़ों की संख्या मेें काफी तेजी आई थी। मुठभेड़ों को लेकर योगी सरकार पर विपक्षी दल बराबर निशाना साध रहे हैं। उनका आरोप है कि मुठभेड़ के नाम पर पुलिस बेगुनाहों को मार रही है।