Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 May, 2019 04:57 PM
उत्तर प्रदेश के एक साधारण गांव नया बांसगांव के मुसलमानों का कहना है कि वे उस समय को याद करते हैं जब उनके बच्चे हिंदुओं के साथ साथ खेला करते थे और एक दूसरे के साथ मिलकर त्योहार मनाते थे।
नोएडा: उत्तर प्रदेश के एक साधारण गांव नया बांसगांव के मुसलमानों का कहना है कि वे उस समय को याद करते हैं जब उनके बच्चे हिंदुओं के साथ साथ खेला करते थे और एक दूसरे के साथ मिलकर त्योहार मनाते थे। इकट्ठे वहां जाते थे और एक दूसरे की दूकान से खरीददारी किया करते थे। अधिकांश मुसलमानों का कहना है कि अब पिछले जैसा नहीं रहा, क्योंकि 2-3 वर्षों में दोनों समुदायों के बीच बड़ा ध्रुवीकरण हो चुका है और इनमें से कुछ भयभीत भी हैं। वे कहते हैं कि ऐसी स्थिति में रहना कठिन है इसलिए वे यहां से जाने की सोच रहे हैं।
रॉयटर्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार, मुसलमानों ने एक संवाद समिति से कहा कि उनका विचार है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी भाजपा यहां आम चुनावों में दूसरी बार जीत गई तो तनाव और बदतर हो जाएंगे। ज्ञात हो कि रविवार को जारी किए गए एग्जिट पोल में भाजपा को फिर एक बार सत्ता में आता दिखाया गया है। मतगणना वीरवार को होनी है।
डबलरोटी और तंबाकू बेचने वाले एक दूकानदार गुलफाम अली ने कहा ‘‘शुरू में स्थिति बहुत अच्छी थी। अच्छे और बुरे समय में हिंदू और मुसलमान साथ रहते थे। शादी-विवाह और मृत्यु के समय दोनों साथ साथ रहते थे। अब स्थिति ऐसी है कि एक गांव में रहते हुए हम अपने अपने ढंग से रह रहे हैं। मोदी 2014 में सत्ता में आए और 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा का यूपी में कब्जा हो गया। तब एक हिंदू का पहला संदेश मिला कि राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ कट्टरवादी हिंदू व वरिष्ठ भाजपा नेता है।
अली ने कहा कि मोदी और योगी दोनों मिलकर काम कर रहे हैं। उनका मुख्य एजेंडा हिंदू और मुसलमानों को बांटना है। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। हम गांव छोडऩा चाहते हैं लेकिन वास्तव में ऐसा कर नहीं सकते। अली का कहना है कि पिछले 2 वर्षों में एक दर्जन मुसलमान परिवारों ने गांव छोड़ दिया है जिसमें उनके चाचा भी शामिल हैं। फिलहाल भाजपा ने इस बात से इनकार किया है कि उनकी नीतियों समुदाय में विभाजन करने वाली नहीं हैं।
पिछले वर्ष के अंत में नया बांस गांव में एक गांव ऐसा था जहां गेहूं के खेत हुआ करते थे। संकरी सीमेंट की गलियां थीं, जिनमें बैलगाडिय़ां दौड़ती थीं और गायें घूमती थीं। वह अब भारत के सबसे विभाजित गांव का प्रतीक बन गया है। क्षेत्र के कुछ हिंदुओं ने शिकायत की कि उन्होंने मुसलमानों के एक ग्रुप को गाय काटते हुए देखा है। गाय हिंदुओं के लिए पूजनीय है।
क्रोधित हिंदुओं ने पुलिस पर आरोप लगाया कि वह इस अवैध कटान को रोकने में विफल रही है। उग्र ंिहदुओं की भीड़ ने हाईवे जाम किया और पथराव कर वाहनों को जला दिया। जिसमें 2 व्यक्तियों की हत्या हुई जिसमें एक पुलिस अफसर भी था। 5 महीने बाद बहुत से मुसलमानों ने कहा कि उनके जख्म अभी भी भरे नहीं हैं।