Edited By Anil Kapoor,Updated: 19 Jun, 2019 03:37 PM
बिहार में एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस), जिसे चमकी बुखार कहा जा रहा है, से मुजफ्फरपुर में मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर अब 113 हो गई है, वहीं इस बीमारी से अब तक 144 लोगों की मौत हो चुकी है।
मुजफ्फरपुर: बिहार में एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस), जिसे चमकी बुखार कहा जा रहा है, से मुजफ्फरपुर में मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर अब 113 हो गई है, वहीं इस बीमारी से अब तक 144 लोगों की मौत हो चुकी है। मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. शैलेश प्रसाद ने बताया कि मंगलवार देर शाम तक एईएस (चमकी बुखार) से मरने वाले बच्चों की संख्या 113 हो गई है, जिनमें से श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) में 92 बच्चों और केजरीवाल अस्पताल में 21 बच्चों की मौत हो गई है।
उन्होंने बताया कि इस रोग की चपेट में आए 162 बच्चे अभी भी इलाजरत हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को एसकेएमसीएच पहुंचकर हालात का जायजा लिया और अधिकारियों और चिकित्सकों के साथ बैठक की तथा कई आवश्यक निर्देश दिए।
क्या है इंसेफेलाइटिस
यह एक दिमागी बुखार है जो कि वायरल संक्रमण की वजह से फैलता है। यह मुख्य रुप से गंदगी में पनपता होता है। जैसे ही यह हमारे शरीर के सपंर्क में आता है वैसे ही यह दिमाग की ओर चला जाता है। यह बीमारी ज्यादातर 1 से 14 साल के बच्चे एवं 65 वर्ष से ऊपर के लोग इसकी चपेट में आते हैं।
ये हैं बीमारी के लक्षण
डॉक्टरों का कहना है कि इससे बुखार, सिरदर्द, ऐंठन, उल्टी और बेहोशी जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। रोगी का शरीर निर्बल हो जाता है। वह प्रकाश से डरता है। कुछ रोगियों के गर्दन में जकड़न आ जाती है। डॉक्टरों के अनुसार, कुछ रोगी लकवा के भी शिकार हो जाते हैं।
ये हैं बचाव के तरीके
इंसेफेलाइटिस से बचने के लिए समय से टीकाकरण करवाना चाहिए। आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए। गंदे पानी के संपर्क में आने से बचना चाहिए। इस बीमारी से बचने के लिए मच्छरों से बचाव करें और घरों के आस पास पानी न जमा होने दें। बारिश के मौसम में बच्चों को बेहतर खान-पान दें।