झांसी की शान, आेपी रावत काे मुख्य चुनाव आयुक्त की कमान, बधाईयाें का लगा तांता

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 03:44 PM

the glory of jhansi the chief election commissioner of aapp rawat

चुनाव आयुक्त आेम प्रकाश रावत काे देश का मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया गया है। 23 जनवरी काे रावत एके ज्योति का स्थान लेंगे जो सोमवार को रिटायर हो रहे हैं।

नई दिल्ली/झांसी: चुनाव आयुक्त आेम प्रकाश रावत काे देश का मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया गया है। 23 जनवरी काे रावत एके ज्योति का स्थान लेंगे जो सोमवार को रिटायर हो रहे हैं। रावत 23 जनवरी को मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कामकाज संभालेंगे। वहीं पूर्व वित्त सचिव अशोक लवासा को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है।

बधाई देने वालाें का लगा तांता 
ओपी रावत के मुख्य चुनाव आयुक्त बनने के बाद उनके परिवारीजनों को बधाई देने का तांता लग गया। सीपरी बाजार में रहने वाले उनके छोटे भाई राजेश कुमार रावत के घर पर जान-पहचान वालों, रिश्तेदारों ने पहुंचकर बधाइयां दीं।

उत्तर प्रदेश के झांसी के रहने वाले हैं ओपी रावत 
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत झांसी के गणेश मढ़िया के रहने वाले हैं। वह 1977 बैच के मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अफसर हैं। उन्हें चुनाव आयोग की कमान मिलने से झांसी समेत बुंदेलखंड का गौरव बढ़ा है। 23 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उन्हें शपथ दिलाएंगे।

गणेश मड़िया निवासी ओपी रावत के पिता स्व. रामस्वरूप रावत प्राइमरी स्कूल के शिक्षक थे। रावत बेहद सामान्य परिस्थितियों में पले-बढ़े। सन 1970 में उन्होंने बिपिन बिहारी महाविद्यालय से बीएससी की पढ़ाई की। इसके बाद वह बनारस चले गए। वहां बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से एमएससी की। इसके बाद उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाएं देनी शुरू कीं। वर्ष 1976 में रावत का चयन भारतीय वन सेवा में हुआ। देहरादून में उनकी ट्रेनिंग चल ही रही थी कि ठीक अगले साल 1977 में परीक्षा देने के बाद रावत मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अफसर बन गए। जिलाधिकारी, कमिश्नर, सचिव समेत विभिन्न पदों पर रहने के बाद वह मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव भी रहे। इसके बाद केंद्र सरकार में वह सार्वजनिक उद्यम विभाग के सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए। रिटायर्ड होने के छह माह बाद वर्ष 2016 में उन्हें चुनाव आयुक्त बना दिया गया। रविवार को केंद्र सरकार ने उन्हें मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया है। उल्लेखनीय है कि ओपी रावत पूर्व मंत्री ओमप्रकाश रिछारिया के बहनोई हैं। भतीजे कांग्रेसी नेता राहुल रिछारिया ने बताया कि ओपी रावत ने साधारण परिस्थितियों में असाधारण उपलब्धि हासिल की है। यह बुंदेलखंड के लिए बड़ी उपलब्धि है।

उत्तराखंड से भी जुड़ा है नाता
ओम प्रकाश रावत का नाता उत्तराखंड के चिल्यानिसोंड से है। वह कभी वहां रहे नहीं, लेकिन उनके दादा-परदादा उत्तराखंड से ही हैं। कहा जाता है कि पहाड़ के प्रति उनका बेहद लगाव है। 

 

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