योगी और मौर्य को लेकर दायर जनहित याचिका पर अदालत का केन्द्र-यूपी से जवाब तलब

Edited By ,Updated: 24 May, 2017 06:10 PM

the center  s call on the pil on the yogi and the maurya

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को उनके पदों से अयोग्य करार दिये जाने का आग्रह करने वाली एक याचिका पर आज केन्द्र और राज्य सरकारों से जवाब दाखिल करने को कहा।

लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को उनके पदों से अयोग्य करार दिये जाने का आग्रह करने वाली एक याचिका पर आज केन्द्र और राज्य सरकारों से जवाब दाखिल करने को कहा। इससे पहले अदालत ने एटार्नी जनरल को नोटिस जारी किया था। अदालत में भारत के अतिरिक्त सालिसिटर जनरल अशोक मेहता और उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह पेश हुए। 

अदालत ने उनसे जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा ताकि इस मुद्दे पर फैसला किया जा सके। न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति वीरेन्द्र कुमार (द्वितीय) की पीठ ने एक जनहित याचिका पर उक्त निर्देश दिया। याचिकाकर्ता की दलील है कि कोई सांसद राज्य सरकार में मंत्री नहीं बन सकता। यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 101 (2) का उल्लंघन है। याचिकाकर्ता का दावा है कि योगी और मौर्य दोनों ही अभी सांसद हैं। 
 

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