‘साइकिल’ पर चुनाव आयोग का फैसला सुरक्षित, सोमवार को सुनाएगा निर्णय

Edited By ,Updated: 13 Jan, 2017 06:55 PM

symbol for ec go to mulayam and rasm gopal

चुनाव चिन्ह को लेकर सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में घमासान जारी है। दोनों पक्ष आज चुनाव चिन्ह के लिए अपना पक्ष चुनाव आयोग के सामने रखेगा।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के नाम और चुनाव चिह्ल ‘साइकिल’ पर पार्टी के दोनों गुटों के दावों पर चुनाव आयोग ने आज सुनवाई पूरी कर ली और अपना फैसला सोमवार को आएगा। अखिलेश गुट के वकील कपिल सिब्बल ने लगभग पांच घंटे तक चली सुनवाई के बाद यहां निर्वाचन सदन के बाहर संवाददाताओं को बताया कि सुनवाई पूरी हो गयी है और इस पर चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। आयोग सोमवार को अपना निर्णय देगा।

90 प्रतिशत से अधिक सांसद, विधायक अखिलेश के साथ
उन्होंने कहा कि दोनों गुटों ने आयोग को उसका फैसला स्वीकार करने का आश्वासन दिया है। उनके अनुसार सुनवाई के दौरान अखिलेश गुट ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के 90 प्रतिशत से अधिक सांसद, विधायक और पदाधिकारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ हैं इसलिए पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ उन्हें ही मिलना चाहिए। अखिलेश गुट ने आयोग के पास 200 से अधिक विधायकों, सांसदों और विधान परिषद सदस्यों के हलफनामे सौंपे है। इसके अलावा पार्टी के विभिन्न स्तर के छह हजार से अधिक पदाधिकारियों के हलफनामे भी आयोग को दिए गए हैं। 

मुलायम सिंह हैं पार्टी के अध्यक्ष 
सुुनवाई के बाद मुलायम गुट के एक वकील गौरी नेवलेकर ने कहा कि आयोग को उनकी ओर से बताया गया कि मुलायम सिंह यादव पार्टी के अध्यक्ष हैं और वही इसके सर्वोच्च नेता हैं। उनके अनुसार मुलायम सिंह यादव ने कहा कि जिस सम्मेलन में उन्हें अध्यक्ष पद से हटाया गया था, वह असंवैधानिक और गैर कानूनी था। इसलिए पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह के असली हकदार वही हैं। मुलायम गुट के वकीलों का नेतृत्व मोहन पारासरण और हरिहरन कर रहे थे।  

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