भारत मैच देखने आया युवक जासूसी के संदेह में 10 साल पहले हुआ गिरफ्तार, कल वापस भेजा जाएगा पाक

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 13 May, 2019 12:28 PM

जासूसी के संदेह में गिरफ्तार पाक नागरिक वकास 10 साल की सजा काटने के बाद अब अपने वतन वापस भेजा जाएगा। उसे मंगलवार को बाघा बार्डर पर पाक अधिकारियों को सुपुर्द किया जाएगा...

कानपुरः जासूसी के संदेह में गिरफ्तार पाक नागरिक वकास 10 साल की सजा काटने के बाद अब अपने वतन वापस भेजा जाएगा। उसे मंगलवार को बाघा बार्डर पर पाक अधिकारियों को सुपुर्द किया जाएगा।

जानिए पूरा मामला?
बता दें कि 2009 में भारत-पाकिस्तान मैच देखने के लिए वकास भारत आया था। यहां वकास को पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया था जब वो कानपुर ग्रीन पार्क मैदान में आयोजित मैच में देखा गया, लेकिन इसके बाद वो पकिस्तान वापस नहीं गया। खुफिया सुचना के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और टूरिस्ट वीजा से ज्यादा अवधि पर रुकने का वो कोई कारण नहीं बता सका। उस समय संदेह किया गया कि वो मैच के बहाने भारत में जासूसी करने के इरादे से घुसा है।

2009 को जासूसी के शक में पकड़ा गया पाक नागरिक
अदालत में मुकदमे के दौरान अभियोग पक्ष इस बात को साबित नहीं कर सका कि वकास वास्तव में जासूस है या नहीं, लेकिन उसपर वीजा अधिनियमों के उल्लंघन के आरोप साबित हुए। क्योंकि वीजा अवधि बीतने के बावजूद भी उसने स्वदेश वापसी नहीं की थी और ना ही एलआईयू के विदेश अनुभाग विभाग को सुचना दी थी। दस साल तक उसे कानपुर के जिला कारागार में रखा गया। कुछ माह पूर्व जब उसकी रिहाई हुई तब पकिस्तान को उसके दस्तावेज भेजे गए पकिस्तान से ग्रीन सिग्नल मिलने में देरी हुई इस दौरान उसे कानपुर के बिठूर थाने में निगरानी में रखा गया।

14 मई को वापिस भेजा जाएगा पाक नागरिक वकास
इस बारे में कानपुर के पुलिस अधीक्षक पश्चिमी क्षेत्र संजीव सुमन का कहना है कि अब पकिस्तान से दस्तावेज आ गए हैं और पकिस्तान उसे वापस लेने को तैयार हो गया है। 14 तारीख यानी मंगलवार के दिन वकास को बाघा बार्डर ले जाया जाएगा। जहां से उसे अपने वतन वापस भेज दिया जाएगा।

आरोप सिद्ध ना होने पर पाक को भी भारतीय कैदियों को भेजना चाहिए वापिस
निश्चित तौर पर भारत पाक संबंधों के लिए आवश्यक है कि ऐसे कैदी जिनपर जासूसी के आरोप साबित नहीं हुए हैं, उन्हें अपने स्वदेश वापसी का रास्ता दिखाया जाए। जिस तरह अब वकास पर जासूसी का आरोप साबित ना होने पर वापस अपने वतन भेजा जा रहा है। वैसे ही पकिस्तान को भी चाहिए कि भारत के ऐसे कई कैदी है, जो पकिस्तान की जेल में बंद है। उन्हें भी भारत भेजना चाहिए। ऐसे कैदी जिनपर जासूसी का आरोप सिद्ध ना होने के बाद भी पकिस्तान की जेलों में बंद है, पाकिस्तान को बड़ा दिल दिखाकर उनकी रिहाई सुनिश्चित करनी चाहिए।

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