सपा में घुटन महसूस कर रहा था, इस वजह से छोड़ी पार्टी: राजा अरिदमन

Edited By ,Updated: 15 Jan, 2017 05:30 PM

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सपा में मचे घमासान के बीच शनिवार को सपा के वर्तमान विधायक राजा महेंद्र अरिदमन सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया। अखिलेश और मुलायम सिंह की लिस्ट में नाम होने के बावजूद उन्होंने समाजवादी पार्टी को ऐन मौके पर छोड़ दिया।

आगरा(गौरव अग्रवाल): सपा में मचे घमासान के बीच शनिवार को सपा के वर्तमान विधायक राजा महेंद्र अरिदमन सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया। अखिलेश और मुलायम सिंह की लिस्ट में नाम होने के बावजूद उन्होंने समाजवादी पार्टी को ऐन मौके पर छोड़ दिया। अचानक लिए गए उनके इस फैसले ने सभी को हैरान कर दिया है। 

केशव मौर्य और ओम माथुर ने दिलाई सदस्यता 
दिल्ली में यूपी प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्य और चुनाव प्रभारी ओम माथुर ने अरिदमन सिंह, उनकी पत्नी पक्षालिका सिंह को पार्टी की सदस्यता दिलाई। भाजपा और सपा सरकार में मंत्री रह चुके अरिदमन सिंह के भाजपा में शामिल होने के दौरान आगरा के सांसद व पूर्व केंद्रीय राज्‍य मंत्री डॉ. रामशंकर कठेरिया भी मौजूद थे। दोनों की ज्‍वाइनिंग से भाजपा में भी स्‍थानीय स्‍थल पर खलबली मची है। 

सपा सरकार पर साधा निशाना
अरिदमन सिंह ने आज आगरा में अपने आवास पर पत्रकारवार्ता के दौरान समाजवादी पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मेरा समाजवादी पार्टी में अपमान किया गया। मैं वहां घुटन महसूस कर रहा था इस वजह से मैंने बीजेपी ज्वाइन की है। 

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सपा को बड़ा झटका
अरिदमन सिंह को सपा ने बाह विधानसभा सीट से और पक्षालिका सिंह को खेरागढ़ से टिकट दिया हुआ था। वह 6 बार विधायक और 3 बार मंत्री रह चुके हैं। ऐसे में सपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

हथि‍यारों के हैं बड़े शौकीन 
राजा महेंद्र अरिदमन सिंह हथि‍यारों के इतने शौकीन हैं कि‍ इनके पास कुल 132 हथि‍यार हैं। ये फैसला तब हुआ जब बीजेपी प्रत्याशियों की सूची जारी होने में कुछ ही वक्‍त बचे हैं।  

उठने लगी थी भाजपा में शामिल होने की बात 
भाजपा में शामिल होने की बात उठने लगी थी। हालांकि बार-बार अरिदमन सिंह इसका खंडन करते रहे। पिछले सप्‍ताह जब एक बार फिर से उनके भाजपा में शामिल होने की बात आई तो प्रेस रिलीज जारी कर उन्‍होंने इसे अफवाह करार दिया था। 

अरिदमन का हो रहा खुला विरोध 
स्‍थानीय भाजपा कार्यकर्ता अरिदमन का खुला विरोध भी कर रहे हैं। फतेहपुर सीकरी के सांसद चौधरी बाबूलाल का कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान राजा ने भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमे करवाए थे और जेल भिजवाया था।

भदावर राज परिवार से हैं अरिदमन सिंह
अरिदमन सिंह, भदावर राज परिवार से हैं। आज भी उन्‍हें राजा साहब, महाराज, राजा भदावर कहलाने का शौक है। नाम के आगे बिना राजा शब्‍द लगाए बोलना उनके सामने गुस्‍ताखी मानी जाती है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान आगरा के नौ सीटों से वह एकमात्र समाजवादी पार्टी के विधायक थे, जिन्‍होंने जीत हासिल की थी। इसके बाद उन्‍हें अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।

तीन साल तक मंत्री रहने के बाद उनसे परिवहन विभाग छीन लिया गया था और स्‍टांप व पंजियन विभाग दिया गया। सालभर पहले अखिलेश यादव ने अपने मंत्रि‍मंडल से उन्‍हें बर्खास्‍त कर दिया गया था। सूत्रों का कहना है कि भाजपा नेताओं से अरिदमन के घनिष्‍टता सीएम अखिलेश को पसंद नहीं आया। यही बर्खास्‍तगी की वजह बनी। इसके बाद उन्‍होंने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की, लेकिन मंत्रीपद नहीं मिल सका। हालांकि मुलायम की वजह से सपा ने अरिदमन और पक्षालिका को इस बार के विधानसभा चुनाव में टिकट दिया है।

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