सपा-कांग्रेस गठबंधन के मद्देनजर मायावती ने बदली चुनावी रणनीति

Edited By ,Updated: 18 Jan, 2017 02:37 PM

sp congress alliance in view of the changed election strategy mayawati

समाजवादी पाटी का कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकदल तथा अन्य छोटी-छोटी पार्टियों के साथ प्रस्तावित गठबंधन के मद्देनजर उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा चुनाव के लिये बदलते परिवेश में बसपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिस मतादाताओं में पैठ बढाने के लिये ....

लखनऊ: समाजवादी पाटी का कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकदल तथा अन्य छोटी-छोटी पार्टियों के साथ प्रस्तावित गठबंधन के मद्देनजर उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा चुनाव के लिये बदलते परिवेश में बसपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिस मतादाताओं में पैठ बढाने के लिये अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव शुरू कर दिया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ज्यादातर सीटों पर पहले चरण में मतदान 11 फरवरी को होना है। 

मायावती ने दिए चुनाव प्रचार के निर्देश
बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपने कैडरों से चुनाव प्रचार जारी रखने को आदेश दिया है। उन्होंने मीडिया से दूरी बनाये रखने तथा चुनाव रैलियों में तेजी लाने के निर्देश दिये है। बसपा अध्यक्ष की मेरठ और अलीगढ़ में आगामी एक फरवरी को रैली प्रस्तावित है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि बसपा अध्यक्ष पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 12 से अधिक रैलियों को संबोधित करेंगी जहां पहले चरण में 11 फरवरी तथा दूसरे चरण के लिये 15 फरवरी को मतदान होना है।  

कांग्रेस-सपा गठबंधन तय
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को उनके पिता के स्थान पर पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था। सपा का कांग्रेस के साथ गठबंधन की उम्मीद जताई जा रही है। दोनों पार्टियों में गठबंधन के मद्देनजर बसपा अध्यक्ष ने चुनाव के अपनी रणनीति में बदलाव के संकेत दिये है और उस पर काम करना शुरू कर दिया है।   

करीबी नेताओं को बुलाया
बसपा अध्यक्ष ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जहां से मुस्लिम प्रत्यशियों को चुनाव मैदान में उतारा उसके लिये नई रणनीति के तैयार करने के लिये पार्टी के करीबी कुछ नेताओं को बुलाया है। राज्य में बदलते राजनीतिक परिवेश में बसपा मुस्लिम वोटों पर पकड़ बनाये रखना चाहती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बसपा ने पहले दो चरण के मतदान वाले क्षेत्रों में 36 मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। 

राजनीतिक हलचलों पर नजर
सूत्रों ने बताया कि चुनाव तैयारियों के साथ बसपा अध्यक्ष सपा में चल रही राजनीतिक हलचलों पर पूरी तरह नजर गडायें हैं। प्रदेश में सत्तारूढ़ होने के लिये बसपा की नजर मुस्लिस-दलित वोटों पर है। बसपा को आशंका है कि सपा और कांग्रेस के गठबंधन होने पर उसका दलित -मुस्लिम वोटों का समीकरण बिगड़ सकता है। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) से सीधे मुकाबले के लिये बसपा ने 97 मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है जिसमें 36 पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र से है। 

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