निजी स्कूलों की मनमानी फीस पर सख्त हुए CM योगी, कड़ी कार्रवाई के दिए निर्देश

Edited By ,Updated: 04 Apr, 2017 01:20 PM

school fees of private schools instructions given by the strict action

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निजी स्कूलों की मनमानी फीस पर सख्त रुख अपनाते हुए कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने फीस निर्धारण के नियम तय करने के निर्देश भी दिए।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ कई अहम और सख्त फैसले लिए हैं। अब उन्होंने प्रदेश के निजी स्कूलों की मनमानी फीस पर सख्त रुख अपनाते हुए कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा उन्होंने सरकारी शिक्षकों की हाजिरी के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम लगाने और कोचिंग पढ़ा रहे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने सोमवार रात 12.15 बजे तक सचिवालय एनेक्सी स्थित अपने कार्यालय में बेसिक, माध्यमिक, उच्च तथा प्राविधिक व व्यावासायिक शिक्षा विभाग की भावी कार्ययोजना से संबंधित प्रस्तुतीकरण का जायजा लिया। उसी दौरान ये निर्देश दिए। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी शिक्षकों की हाजिरी हर हाल में सुनिश्चित की जाए। वे क्लासरूम में जाएं। इसके अलावा जो सरकारी शिक्षक कोचिंग पढ़ा रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने परीक्षाओं में नकल पर भी बेहद सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि नकल वाले केंद्रों को काली सूची में डाला जाए। नकल माफिया पर हर हाल में अंकुश लगाया जाए। 

प्रस्तुतीकरण के लिए बुलाई गई सभी संबंधित विभागों के मंत्रियों और प्रमुख सचिवों की सचिवों की इस मैराथन बैठक के बाद बाहर निकले लखनऊ मंडल के कमिश्नर और व्यावसायिक शिक्षा व कौशल विकास विभाग के सचिव भुवनेश कुमार ने पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री ने विभाग के कार्यों की तारीफ की। उन्होंने बताया कि सीएम ने विभाग से यह ‘कमिटमेंट’ भी कराया कि पांच वर्षों में विभाग 10 लाख युवाओं को रोजगार देगा। बैठक के बाद मंत्रियों ने कहा कि जनता जाग रही है और सरकार भी। 

CM योगी आदित्यनाथ के निर्देश-
बेसिक शिक्षा विभाग
-100 दिन में बेसिक शिक्षा में बेहतर बदलाव हर हाल में दिखना चाहिए।
-1 से 10 जुलाई के बीच छात्रें को यूनिफॉर्म, पाठ्य-पुस्तकों एवं बैग का वितरण हो जाए।
-छात्रों की उपस्थिति शत-प्रतिशत अनिवार्य कराएं।
-पेयजल के साथ विद्यालयों में शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं।
-राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के तहत 1760 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में-विज्ञान और गणित लैब विकासित करने की कार्रवाई शुरू करें।
-कम्प्यूटर सहायतित शिक्षा कार्यक्रम के तहत 8628 विद्यालयों में सुविधा दें।
-शिक्षकों के चयन के लिए बेसिक शिक्षा चयन बोर्ड का गठन किया जाए।
-अगले 100 दिनों में प्रदेश के 45,809 परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक-विद्यालयों का विद्युतीकरण हो जाए।
-कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को यूनिफॉर्म के साथ दो जोड़ी मोजे और सर्दी में एक स्वेटर जरूर दें।
-आउट ऑफ स्कूल बच्चों का पता लगाने के लिए हाउसहोल्ड सर्वे कराया जाए।

उच्च शिक्षा विभाग
राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में एक समान पाठ्यक्रम लागू करते हुए सेशन नियमित किए जाएं।
शिक्षकों की कमी जल्द दूर की जाए।
भर्ती में पारदर्शिता के साथ ही इससे जुड़े लंबित वादों को जल्द निपटाया जाए।
माध्यमिक शिक्षा
-नकल बड़ी समस्या है. नकल करवाने वालों और केंद्रों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
-दागी केंद्रों को ब्लैकलिस्ट और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
-प्राइवेट स्कूल कॉलेजों द्वारा फीस को लेकर मनमानी वसूली की जा रही है, इसे रोकने के लिए नियमावली बनाई जाए।
-प्रदेश में बालिकओं को आत्मरक्षा के लिए समर्थ बनाने के लिए रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा कार्यक्रम और योग शिक्षा कार्यक्रम अनिवार्य किया जाए।
-कोचिंग चलाने वाले सरकारी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
-विद्यालय में अधिकतम 200 दिन में कोर्स पूरा किया जाए। 
-शिक्षकों और छात्रों की नियमित उपस्थिति के लिए बायो​मैट्रिक्स के माध्यम से मॉनीटर की जाए।

व्यावसायिक शिक्षा
-आईटीआई संस्थानों में पुराने ट्रेड जैसे रेडियो मैकेनिक आदि समाप्त किए जाएं।
-आईटीआई विद्यार्थियों को विदेशों में रोजगार दिलाने के लिए एनआरआई विभग से समन्वय कर कार्ययोजना बने।
-आईटीआई संस्थानों को दो शिफ्ट में चलाया जाए।

प्राविधिक शिक्षा
-बंदी की कगार पर खड़े प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉेलेजों में व्यावसायिक गतिविधि रोकी जाए।
-यहां डिप्लोमा, फार्मा, नर्सिंग आदि कोर्स चलाने की संभावना तलाशें। 

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