Edited By Ajay kumar,Updated: 30 Jul, 2019 03:01 PM
विधानसभा उपचुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के दिग्गज नेता व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने पार्टी और राज्यसभा पद से इस्तीफा दे दिया है।
लखनऊ: विधानसभा उपचुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के दिग्गज नेता व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने पार्टी और राज्यसभा पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि संजय सिंह पिछले काफी समय से पार्टी से नाराज चल रहे थे। बता दें कि डॉ. संजय सिंह असम से राज्यसभा सदस्य हैं और उनका कार्यकाल अभी एक साल का बचा हुआ था। इसके बावजूद उन्होंने राज्यसभा और कांग्रेस छोडऩे का एलान कर दिया है।
नेतृत्व विहीन हो चुकी है कांग्रेस: संजय सिंह
मीडिया के सामने आए संजय सिंह ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस नेतृत्व विहीन हो चुकी है। मैं कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जा रहा हूं। अब मैं माेदी जी के साथ हूं। बता दें कि संजय सिंह कल बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करेंगे।
क्या है संजय सिंह का राजनीतिक इतिहास
संजय सिंह 1998 में अमेठी संसदीय सीट से कांग्रेस के कैप्टन सतीष शर्मा को हराकर सासंद चुने गए थे। इसके बाद वो अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे। राहुल गांधी के कांग्रेस में एंट्री करने के बाद उन्होंने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में वापसी की। 2009 के लोकसभा चुनाव में संजय सिंह सुलतानपुर सीट से सांसद चुने गए थे।
संजय ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से नाराज हो गए थे, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें असम से राज्यसभा भेजा था। इसके चलते सुल्तानपुर सीट से उनकी दूसरी पत्नी अमित सिंह चुनाव लड़ी थी, लेकिन वो जीत नहीं सकीं। हालांकि संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह मौजूदा समय में अमेठी से बीजेपी की विधायक हैं।
अमेठी के इतिहास में पहली बार खिलाया कमल
डॉ. सिंह बतौर लोकसभा प्रत्याशी पहली बार 1998 में भाजपा की टिकट पर अमेठी से चुनाव लड़े थे। उनके सामने वर्ष 1991 में पूर्व पीएम राजीव गांधी के निधन के बाद हुए उपचुनाव व 1996 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से सांसद रहे कैप्टन सतीश शर्मा मैदान में थे। वर्ष 1998 के चुनाव में कांग्रेस व भाजपा के बीच अमेठी में पहली बार कड़ी टक्कर देखने को मिली। डॉ. संजय सिंह ने अमेठी के इतिहास में भारी फेरबदल करते हुए कांग्रेस के गढ़ में पहली बार कमल खिला दिया। उन्होंने कैप्टन सतीश शर्मा को करीब 23 हजार मतों से पराजित किया। 1977 के बाद अमेठी में कांग्रेस की यह दूसरी हार थी।
सोनिया गांधी के खिलाफ भी लड़ चुके हैं चुनाव
देश में बदलती राजनीतिक परिस्थितियों के बीच 1999 में फिर लोकसभा चुनावों की रणभेरी बज गई। हालांकि इस बार सोनिया गांधी स्वयं राजनीति में आने का फैसला कर चुकी थीं। डॉक्टर संजय सिंह दूसरी बार भाजपा की टिकट पर सोनिया गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़े। इस चुनाव पर देश भर की निगाहें थीं। आखिरकार सोनिया गांधी ने भाजपा प्रत्याशी को करीब तीन लाख मतों से पराजित कर पहली बार सांसद बनने का गौरव हासिल किया।
सोनिया गांधी से चुनाव हारने के कुछ समय बाद डॉक्टर संजय सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए। 2009 में कांग्रेस ने उन्हें सुलतानपुर से उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में उन्होंने बसपा के मो. ताहिर को करीब 98 हजार मतों से पराजित कर कांग्रेस को 25 साल बाद सुलतानपुर में जीत दिलाई। 2014 में वह चुनाव नहीं लड़े। 2019 में वह कांग्रेस से दूसरी बार चुनाव लड़े लेकिन उन्हें मेनका गांधी से बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा।