Edited By ,Updated: 06 Feb, 2017 03:49 PM
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के हस्तक्षेप के बावजूद शहर की महाराजपुर और कैंट सीट की गुत्थी सुलझ नहीं पाई है और...
कानपुर:कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के हस्तक्षेप के बावजूद शहर की महाराजपुर और कैंट सीट की गुत्थी सुलझ नहीं पाई है और सपा कांग्रेस की संयुक्त रैली में मंच पर दोनों सीटों के दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार मौजूद थे और वे अपने-अपने लिए वोट मांग रहे थे। कैंट सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर हसन रूमी ने अपना नामांकन दाखिल किया था लेकिन बाद में यह सीट गठबंधन के नाते कांग्रेस के सुहैल अंसारी को मिल गई है।
कांग्रेस ने अकबरपुर के पूर्व सांसद राजाराम पाल को दिया टिकट
सुहैल ने रैली के मंच से संयुक्त प्रत्याशी के तौर पर वोट भी मांगे, लेकिन दूसरी तरफ सपा के रूमी ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया और वह यह कहते हुए मैदान में हैं कि पार्टी ने उन्हें चुनाव निशान दिया है और समाजवादी पार्टी आला कमान से उन्हें नामांकन वापस लेने का कोई आदेश नहीं मिला है, इसलिए वह चुनाव लड़ेंगे। शहर की ग्रामीण सीट महाराजपुर पर सपा ने पार्टी की पुरानी महिला नेता अरूणा तोमर को टिकट दिया था। उसके बाद कांग्रेस से गठबंधन हो गया और यह सीट कांग्रेस को चली गई और कांग्रेस ने यहां से अकबरपुर के पूर्व सांसद राजाराम पाल को टिकट दिया है।
हम यह मामला आपस में संभाल लेंगे-अखिलेश
वहीं जब सपा ने अरूणा को नामांकन वापस लेने को कहा तो वह तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर अस्पताल में भर्ती हो गईं। मंच पर अरूणा और राजाराम दोनों थे और दोनों ही महाराजपुर सीट से अपने लिए वोट मांग रहे थे। मंच से सपा मुखिया अखिलेश ने कहा कि हम यह मामला आपस में संभाल लेंगे।
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