योगी के बयान पर भड़का विपक्ष, काली पट्टी बांधकर जताया विरोध

Edited By Ajay kumar,Updated: 30 Aug, 2018 05:30 PM

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उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में गुरुवार को विपक्ष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुये जमकर हंगामा किया और उनके बयान को सदन की कार्यवाही से हटाने की मांग की।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में गुरुवार को विपक्ष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुये जमकर हंगामा किया और उनके बयान को सदन की कार्यवाही से हटाने की मांग की।  

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता विपक्ष रामगोविंद चौधरी ने मुख्यमंत्री के ‘सांप का बच्चा जहर ही उगलता है’ वाले बयान पर विरोध दर्ज कराया और इसे विपक्ष के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करना बताया। इसके बाद समाजवादी पार्टी (सपा) समेत समूचे विपक्ष के सदस्य हंगामा करने लगे और आसन के पास तक चले गये।  

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने मुख्यमंत्री के बुधवार को सदन में दिये गये बयान पर सफाई देते हुये कहा कि उन्होने किसी ना तो असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया और ना ही किसी व्यक्ति विशेष के लिये टिप्पणी की। वह तो सिर्फ एक उदाहरण दे रहे थे। खन्ना का जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने योगी के वक्तव्य को सदन की कार्यवाही से हटाने की मांग की। 

योगी के बयान के खिलाफ विरोध दर्ज करने के लिये विपक्षी सदस्यों ने काली पट्टी बांध कर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया। प्रश्नकाल में इस हंगामे के दौरान हालांकि योगी मौजूद नही थे। चौधरी ने विपक्ष का पक्ष रखते हुये आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने सदन की परंपराओं का अपमान किया है। सदन के नेता का इस तरह का बयान असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है। उन्होने सांप और नेवला जैसे शब्दों को रिकार्ड से हटाने की मांग की। 

विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता लालजी वर्मा ने कहा कि राजनीतिक दलों की तुलना जानवरों से करना अलोकतांत्रिक है और विपक्षी दलों का यह सरासर अपमान है। कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू ने कहा कि मुख्यमंत्री गली कूचों में इस्तेमाल होने वाली भाषा का इस्तेमाल कर रहे है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। सपा के पारसनाथ यादव ने कहा कि योगी जैसे व्यक्तित्व द्वारा इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना निसंदेह दुर्भाग्यपूर्ण है। योगी मुख्यमंत्री होने के साथ साथ एक पीठ के महंत भी हैं। 

योगी के बयान का बचाव करते हुये खन्ना ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोई विवादित टिप्पणी नहीं की। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने किसी राजनीतिक दल का नाम नही लिया। उन्होंने जानवर का नाम उदाहरण के तौर पर लिया था और इस शब्द को रिकार्ड से हटाने की जरूरत नही है क्योंकि यह कतई गैर संवैधानिक नही है।’ स्पीकर हृदयनारायण दीक्षित ने सत्ता पक्ष और विपक्ष की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। गौरतलब है कि बुधवार को अनूपूरक बजट को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार का पक्ष रखा था। इससे पहले विपक्षी सदस्य सरकार पर दमनकारी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुये सदन से बाहर चले गये थे। 

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