जनता ने दिन भर खाये धक्के, मंत्री जी के लिए रात में खुला बैंक

Edited By ,Updated: 17 Nov, 2016 07:38 PM

people eat all day long attack  the minister opened a bank at night

500 व 1000 के नोट बदलने के लिए आम लोग भले ही दिन भर लाईनों में खड़े होकर धक्के खा रहे हों मगर खास लोगों के लिए रात में भी बैंकों के दरवाजे खुल जाते हैं।

संभल(मुजम्मिल दानिश): 500 व 1000 के नोट बदलने के लिए आम लोग भले ही दिन भर लाईनों में खड़े होकर धक्के खा रहे हों मगर खास लोगों के लिए रात में भी बैंकों के दरवाजे खुल जाते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री बेटों व समर्थकों के साथ रात पौने आठ बजे एचडीएफसी बैंक पहुंचे तो उनके लिए बैंक के दरवाजे खुल गये। मंत्री व समर्थकों ने आराम से नोट बदले और एकाउंट से निकाले भी। 

बुधवार को संभल के तमाम बैंकों में करेंसी की कमी थी तो सुबह से लाईनों में नोट बदलने की आस लेकर खड़े ज्यादातर लोगों को निराश होकर घर वापस लौटना पड़ा। दोपहर बाद जैसे ही साढ़े तीन बजे का वक्त हुआ तो बैंक वालों ने बाहर लाईन लगाये खड़े लोगों को अगले दिन आने की बात कहकर वापस भेज दिया। इस बीच शाम चार बजे एचडीएफसी बैंक में करेंसी आ गई तो इसकी जानकारी खास लोगों तक भी पहुंच गई। रात को पौने आठ बजे उत्तर प्रदेश सरकार के औषधि प्रशासन खाद्य रसद मंत्री इकबाल महमूद अपने तीनों बेटों, अन्य समर्थकों व स्टाफ के साथ आर्य समाज रोड पर एचडीएफसी बैंक शाखा पर जा पहुंचे। मंत्री जी का काफिला आया देख बैंक का दरवाजा खोल दिया गया। आम जनता के लिए बैंक का समय खत्म हो गया था मगर जब खास आये तो काम शुरु हो गया। मंत्री इकबाल महमूद और उनके बेटों व अन्य लोगों ने बैंक से अपनी नकदी बदल ली। इसके बाद मंत्री जी व उनके समर्थक सवा आठ बजे बैंक शाखा से वापस लौट गये। इस बाबत कैबिनेट मंत्री इकबाल महमूद ने कहा कि मेरे पास पैसे नहीं थे तो पैसे लेने के लिए बैंक गया था। खुद आया था और दो बेटे भी साथ थे। मैं जब गया तो बैंक तो खुला था और वहां कर्मचारी मौजूद थे। वह भी आम जनता की तरह लाइन में लगकर ही पैसे बदले।

मंत्री ने नोटबंदी के फैसले पर ही खड़ा किए सवाल 
इस बारे में जब कैबिनेट मंत्री इकबाल महमूद से सवाल किया गया उन्होंने प्रधानमंत्री के इस फैसले पर ही सवाल खड़े कर दिए। नोटबंदी के फैसले को गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि सारी जनता इस फैसले से दुखी है। इस फैसले से सिर्फ प्रधानमंत्री खुश हैं और कोई नहीं। 

क्या कहते हैं बैंक प्रबंधक
वहीं बैंक शाखा प्रबंधक मोहम्मद जावेद खान का कहना है कि सामान्य रूप से बैंक का समय सुबह साढ़े नौ से दोपहर बाद साढ़े तीन बजे तक का लेनदेन के लिए है। बुधवार को दिन में कैश नहीं था। शाम को चार बजे कैश आया तो बैंक लाईन निकलने के बाद भी कैश बदलकर दे दिया गया। जब उनसे पूछा गया कि केवल मंत्री जी को ही क्यूं दिया आम जनता को क्यों नहीं तो मैनेजर के पास इसका कोई जवाब नहीं था।

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