Edited By ,Updated: 10 May, 2016 12:13 PM
दुनिया में हर किसी का काम करने का अपना अलग ही तरीका होता है लेकिन कई बार अलग अंदाज कई लोगों को देशभर में मशहूर कर देता है...
मुंबई: दुनिया में हर किसी का काम करने का अपना अलग ही तरीका होता है लेकिन कई बार अलग अंदाज कई लोगों को देशभर में मशहूर कर देता है। संदीप बच्चे इन दिनों अपने काम के अलग अंदाज को लेकर इन दिनों सबके लिए मिसाल बने हुए हैं। खार और बांद्रा का हर शख्स उन्हीं के ऑटो रिक्शा में जाना चाहता है। टैक्सी की तरह लोग उनके ऑटो की एडवांस बुकिंग करते हैं। विनम्र व्यवहार और खास ऑटो के कारण संदीप को अब महाराष्ट्र पुलिस रोल मॉडल के तौर पर पेश करने जा रही है।
जानकारी के अनुसार देश के बाकी शहरों की तरह मुंबई के साथ लगते इलाके ठाणे और कल्याण में ऑटो रिक्शावालों की मनमानी सामान्य बात है। पुलिस के पास ऑटो रिक्शावालों की शिकायतों का ढेर लगा हुआ है। पुलिस के पास हर महीने 10 हजार शिकायतें आती हैं। कुछ समय पहले सोशल मीडिया में संदीप और उनके ऑटो के चर्चे सुनकर ठाणे की डिप्टी ट्रैफिक कमिश्नर रश्मि करंदीकर ने उनसे संपर्क किया। अब वे ऑटो रिक्शावालों को तहजीब, ईमानदारी और कमाई बढ़ाने के तरीके सिखा रहे हैं।
बता दें कि संदीप को सबसे अलग बनाने वाला उनका व्यवहार और ऑटो है। उनके इस अॉटो में आपको टीवी, रेडियो, अखबार और मैगजीन भी मिल जाएगी। इतनी ही नहीं इस सब के अलावा आपको सोने-चांदी के भाव, सेंसेक्स का हाल, विदेशी करेंसी के अपडेट्स मिल जाएंगे। अगर आपका मीठा खाने का दिल करे तो आपको चॉकलेट्स भी मिल जाएंगी।
संदीप अपनी कमाई के पैसों से सामान खरीदकर वृद्ध आश्रम में रहने वाले लोगों के दे आते हैं। अगर कोई अंधा व्यक्ति उनके अॉटो में बैठता है तो उसके लिए 50 प्रतिशत की छूट है। विकलांग के लिए 25 प्रतिशत और नए शादीशुदा जोड़े के लिए 10 प्रतिशत की छूट देते हैं। संदीप का कहना है कि अच्छे कामों के लिए अमीर होना जरुरी नहीं है।