Edited By ,Updated: 20 Apr, 2017 07:15 PM
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में दलित-मुस्लिम गठजोड़ के साथ उतरी बसपा के अपमानजनक हार के बाद पार्टी अध्यक्ष मायावती ने हार का ठीकरा नसीमुद्दीन सिद्दीकी के सिर पर फोड़ा है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में दलित-मुस्लिम गठजोड़ के साथ उतरी बसपा के अपमानजनक हार के बाद पार्टी अध्यक्ष मायावती ने हार का ठीकरा नसीमुद्दीन सिद्दीकी के सिर पर फोड़ा है।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी को उत्तर प्रदेश के प्रभारी के पद से हटाकर मध्य प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है। इसके साथ ही नसीमुद्दीन सिद्दीकी से टिकट वितरण का अधिकार सहित अन्य सभी पद वापस लिए गए हैं। सिद्दीकी को सभी पदों से हटाया गया, वह अब सिर्फ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद पर बने रहेंगे।
विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी संगठन में बड़े पैमाने पर फेरबदल किया है। पार्टी की भाईचारा के साथ ही मंडल, सेक्टर व बूथ कमेटियों को भंग कर दिया गया है। कई जोन की व्यवस्था खत्म करते हुए प्रदेश को सिर्फ दो जोन में बांटकर आठ-आठ जोन कोआर्डिनेटर बनाये गए हैं। उलटफेर की खास बात यह है कि पार्टी के मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी का रुतबा जहां घटाया गया है वहीं राम अचल राजभर और डा.अशोक सिद्धार्थ का कद बढ़ा है। बसपा प्रमुख ने फिर से पार्टी का महानगर अध्यक्ष बनाए जाने की भी फैसला किया है।
विधानसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन के बाद से ही संगठन में फेरबदल की चर्चाएं शुरू हो गईं थी। 11 मार्च को नतीजे आने के लगभग सवा माह बाद मायावती ने कल पार्टी के नीचे से ऊपर तक के पदाधिकारियों की पार्टी मुख्यालय में बैठक बुलाई थी। पहले सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद देर शाम तक प्रमुख पदाधिकारियों के साथ मायावती ने बैठक की। शाम की बैठक में बसपा प्रमुख ने संगठन में फेरबदल की जानकारी दी।
संगठन में बदलाव की अधिकृत तौर पर तो जानकारी नहीं दी गई है लेकिन, सूत्रों के मुताबिक बसपा प्रमुख ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी को उत्तर प्रदेश से बाहर करते हुए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का दायित्व सौंपा है। हालांकि, सिद्दीकी लखनऊ मंडल के कोआर्डिनेटर बने रहेंगे और विधान परिषद सदस्य होने के नाते सदन की बैठक में भाग लेने के लिए यहां प्रवास के दौरान ही मंडल का काम देखेंगे।