अजीत जाेगी से मिलीं मायावती, राजनीतिक गलियारे में मची हलचल

Edited By Ajay kumar,Updated: 06 Jul, 2018 11:20 AM

mayawati meets ajit jagei stir in political corridor

बसपा सुप्रीमाे मायावती वीरवार काे दिल्ली में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जाेगी से करीब एक घंटे मुलाकात की। दाेनाें नेताआें की अचानक मुलाकात से राजनीतिक हलचल तेज हाे गई है।

यूपी डेस्क : बसपा सुप्रीमाे मायावती ने वीरवार काे दिल्ली में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जाेगी से करीब एक घंटे मुलाकात की। दाेनाें नेताआें की अचानक मुलाकात से राजनीतिक हलचल तेज हाे गई है। 

बता दें कि स्वास्थ्य ठीक न हाेने की वजह से अजीत जाेगी दिल्ली एम्स में ईलाज करा रहे हैं। बुधवार शाम को उनकी मायावती के साथ मुलाकात पहले से तय थी, यही कारण है कि दोपहर दो बजे जोगी के पुत्र और विधायक अमित जोगी पार्टी के प्रदर्शन को बीच में छोड़कर दिल्ली चले गए थे। मायावती ने एम्स पहुंचकर जाेगी का हालचाल जाना आैर करीब एक घंटे तक बातचीत की। हालांकि दाेनाें नेताआें के बीच क्या बातें हुई हैं स्पष्ट नहीं है। कयास यही लगाए जा रहे हैं कि साल के अंत में हाेने वाले विधानसभा चुनाव आैर 2019 के लाेकसभा चुनाव काे लेकर बातचीत हुई है। 
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गठबंधन से बढ़ेंगी भाजपा-कांग्रेस की मुश्किलें
जाेगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) आैर बसपा के बीच समझौता हो जाता है तो भाजपा और कांग्रेस के समीकरण बिगड़ सकते हैं। क्याेंकि बसपा का एससी-एसटी आैर आदिवासी इलाकों में खासा जनाधार है। सबसे खास बात ये कि इन्हीं वर्गाें के बीच जोगी का भी जनाधार है। 

कांशीराम से रहे हैं अजीत जोगी के गहरे रिश्ते 
बसपा के पूर्व अध्यक्ष स्वा. कांशीराम से अजीत जोगी के गहरे रिश्ते रहे हैं। जोगी की मायावती से भी निकटता रही है। जोगी की प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग में खासी पैठ है वहीं यह वर्ग बसपा का भी बड़ा वोट बैंक रहा है। पिछले चारों ही विधानसभाओं में बसपा के एक-दो विधायक जीतकर भी आए हैं। 

कांग्रेस के साथ गठबंधन की नहीं बनी बात
इस बार बसपा की तरफ से कांग्रेस के साथ गठबंधन की चर्चाएं हो रही थी लेकिन सीट बंटवारे काे लेकर बात नहीं बनी। अब मायावती ने जाेगी से गठबंधन के लिए हाथ बढ़ाया है। जकांछ के सूत्र बता रहे हैं कि गठबंधन पर सहमति बन चुकी है, सीटों के बंटवारे पर बात चल रही है।

महागठबंधन को लेकर मायावती ने बढ़ाई सक्रियता 
सूत्रों के मुताबिक बीते कुछ महीने से महागठबंधन को लेकर मायावती ने सक्रियता बढ़ाई है। इसके लिए वाे विभिन्न दलों के राजनेताओं से मुलाकात भी कर रही हैं। हालांकि बसपा ने छत्तीसगढ़ में गठबंधन को लेकर अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक गठबंधन को लेकर किसी भी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगा, क्योंकि अभी तक बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रभारियों से इस बारे में कोई रिपोर्ट नहीं मांगी है। वैसे भी इसको लेकर अंतिम फैसला मायावती को ही करना है।

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