जातिवादी सोच नहीं बदली तो अपना लूंगी बौद्ध धर्म: मायावती

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Oct, 2017 05:42 PM

if the racist thinking does not change  theni buddhist religion  mayawati

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकारों को दलित और अल्पसंख्यक विरोधी करार देते हुये...

आजमगढ़: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकारों को दलित और अल्पसंख्यक विरोधी करार देते हुये आज कहा कि देश की जातिवादी सोच में बदलाव नहीं आया तो वह डॉ0 भीमराव अंबेडकर की तरह बौद्ध धर्म अपना लेंगी।  

मायावती ने यहां कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सरकार के उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ होने के बाद दलित,पिछडे और अल्पसंख्यक वर्ग का जबरदस्त शोषण और उत्पीडऩ हो रहा है। भाजपा पिछड़ों, अल्पसंख्यकों की दुश्मन है। भाजपा ने इन जातियों को गुमराह किया। उन्होंने कहा कि देश में धर्म के ठेकेदारों ने समाज में ऊंच नीच, भेदभाव व जातिवादी संक्रीर्ण मानसिकता में बदलाव नहीं लाया तो बाबा साहब डॉ0 भीम राम अंबेडकर की तरह वह भी हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म धारण कर लेंगी। 

योगी को मंदिरों में पूजा-पाठ से ही फुर्सत नहीं 
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यो की आलोचना करते हुये उन्होंने कहा कि योगी को मंदिरों में पूजा-पाठ से फुर्सत नहीं है। वह प्रदेश का विकास क्या करेंगे। पूर्वांचल से ताल्लुक रखने के बावजूद उनका इस क्षेत्र के विकास पर कोई जोर नहीं है।

केवल बसपा में ही है पिछड़े, दलितों, अल्पसंख्यकों का सम्मान
करीब डेढ़ घंटे के संबोधन में मायावती ने केवल पिछड़े, दलितों, अल्पसंख्यकों और आदिवासियों की बात की और कहा कि केवल बसपा में ही इन वर्गो का सम्मान है। उन्होंने मण्डल कमीशन की चर्चा करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की तत्कालीन सरकार में मण्डल कमीशन लागू कराने मे और बाबा साहब भीम राव अंबेडकर को भारत रत्न दिलाने का योगदान बसपा का है। 

पिछड़ों की जबरदस्त विरोधी रही है भाजपा
 उन्होंने पिछड़े समाज को याद दिलाते हुए कहा कि भाजपा तो पिछड़ों की जबरदस्त विरोधी रही है। मण्डल कमीशन लागू होने के बाद पूरे देश में इसका पुरजोर विरोध और प्रदर्शन ही भाजपा ने नहीं किया बल्कि वीपी सिंह की सरकार से समर्थन वापस लेकर सरकार ही गिरा दिया। पिछड़े वर्ग के लोगों को भाजपा से सावधान रहने की जरूरत है। भाजपा की इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन वर्ष के बाद पिछड़ा वर्ग आयोग बनाने की याद इसलिए आई कि उन्हें होने वाले शहरी निकाय और लोकसभा 2019 के चुनाव में पिछड़ो के बल पर ही चुनाव लडऩा है। 

मण्डल कमीशन अंबेडकर की देन
मायावती ने कहा, ‘मण्डल कमीशन बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की है। उन्हीं की प्रेरणा से मैंने भी समाज के इन वर्गो पर विशेष ध्यान दिया। डॉ0 अंबेडकर ने नेहरू एंड कंपनी की सरकार में अनुच्छेद 340 के तहत जब पिछड़ा वर्गो को आरक्षण नहीं दिया तो डॉ0 अंबेडकर ने कानून मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 1951 से लेकर आज तक आरक्षण का कोटा सही तरीके से लागू नहीं किया गया। इसके पीछे भाजपा और कांग्रेस की अन्दरूनी साजिश आज भी है।’

डॉ0 अंबेडकर से प्रभावित होकर मैंने दिया इस्तीफा 
उन्होंने कहा, ‘जिस तरह डॉ0 भीम राव अंबेडकर ने अनुच्छेद 340 लागू न होने पर कानून मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया उसी तरह मैंने भी डॉ0 अंबेडकर की प्रेरणा से प्रभावित होकर उत्तर प्रदेश में सहारनपुर जिले में सबीरपुर गांव में दलितों के साथ अत्याचार की बात सदन में न रखने देने पर राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। भाजपा ने सहारनपुर की घटना के दौरान पूरी मेरी हत्या की साजिश रची थी।’

सपा के खिलाफ एक शब्द भी टिप्पणी नहीं की
कार्यकर्ता सम्मेलन में एक खास बात यह रही कि हमेशा समाजवादी पार्टी (सपा) की मुखालफत करने वाली बसपा अध्यक्ष ने आज सपा के खिलाफ एक शब्द भी टिप्पणी नहीं की। उन्होंने आजमगढ़ को दलितों, पिछड़ों अल्पसंख्यकों, गरीब और मजलूमों का पूर्वांचल गढ़ बताया। उन्होंने आजमगढ़ के रानी की सराय ब्लाके शंकरपुर चेकपोस्ट पर आयोजित तीन मण्डलों के कार्यकर्ता महासम्मेलन को संबोधित किया। 

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