Exit poll के बाद UP में कैबिनेट को लेकर मंथन शुरू, ओमप्रकाश राजभर UP सरकार से बर्खास्त

Edited By Anil Kapoor,Updated: 20 May, 2019 03:52 PM

लोकसभा चुनाव खत्म हो गए हैं लेकिन यूपी में सियासत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ एक्जिट पोल के नतीजों पर पार्टियां मंथन कर रही हैं तो सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने अपने कैबिनेट को लेकर मंथन करना शुरू कर दिया है। आखिरी चरण के चुनाव के...

लखनऊ: लोकसभा चुनाव खत्म हो गए हैं लेकिन यूपी में सियासत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ एक्जिट पोल के नतीजों पर पार्टियां मंथन कर रही हैं तो सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने अपने कैबिनेट को लेकर मंथन करना शुरू कर दिया है। आखिरी चरण के चुनाव के अगले दिन ही पिछड़ा वर्ग के कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर को बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल से कर दी। सीएम कि सिफारिश के बाद राज्यपाल ने ओपी राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया।

PunjabKesariजानकारी मुताबिक इस सिफारिश के बाद यूपी कि सियासत में एक नई गर्मी आ गई है। ये भी माना जा रहा है कि प्रदेश सरकार में राजभर की पार्टी सुभासपा के 6 दूसरे सदस्यों को भी हटा दिया गया है। इस तरीके से बीजेपी अब ओम प्रकाश राजभर से पूरी तरह दूरी बनाना चाहती है। बर्खास्तगी के सिफारिश के बाद एक न्यूज एजेंसी को दिए बयान में राजभर ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक बड़ा प्रदेश है, हम अगर अपने हक़ की लड़ाई लड़ते हैं, हम गरीबों कि छात्रवृत्ति की लड़ाई लड़ते हैं लेकिन सरकार के पास धन ही नहीं है। हम अपने अधिकार के लिए लड़ते हैं, लड़ते रहेंगे।प्रदेश के एक करोड़ 70 लाख बच्चों के साथ अन्याय हो रहा है, आज 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ कुछ ही जातियों को मिल रहा है, राजभर वंचित है, हम 54 फीसदी पिछड़ों की लड़ाई लड़ रहे हैं।

PunjabKesariराजभर ने ये भी कहा कि 13,14 अप्रैल को ही ये तय हो गया था कि ये हमको साथ नहीं रखना चाहते। हमको अपनी एक सीट, अपना झंडा बैनर चाहिए था, अभी तो है समय 3 साल अब इसी सरकार के खिलाफ अलख जगाएंगे, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू कराने के लिए लड़ेंगे, जिसके साथ रण में राणा जैसा शक्तिशाली विचार हो उसे कोई दिक्कत नहीं, अगर हक मांगना बगावत है तो ,हां हम बागी हैं।

PunjabKesariराजभर के अलावा इन 7 पार्टी सदस्यों को भी किया पदमुक्त
मंत्री ओमप्रकाश राजभर के साथ 5 निगमों में भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के 7 अध्यक्ष और सदस्यों को भी पदमुक्त किया गया है। ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर को सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के चेयरमैन पद से हटाया गया। उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम के अध्यक्ष पद से राणा अजीत सिंह को हटाया गया।राष्ट्रीय एकीकरण परिषद से सुनील अर्कवंशी और राधिका पटेल को हटाया गया।उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद के सदस्य पद से सुदामा राजभर को हटाया गया। उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग से गंगाराम राजभर और वीरेंद्र राजभर को भी हटाया गया।

PunjabKesariइससे पहले राजभर ने 14 फरवरी 2019 को काफी लंबे समय से नाराज चल रहे ओम प्रकाश राजभर ने पिछड़ा वर्ग मंत्रालय का प्रभार छोड़ने की पेशकश की थी। ओम प्रकाश राजभर ने इसको लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी भी लिखी थी। राजभर ने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि कि वह इस मंत्रालय का प्रभार वापस मुख्यमंत्री को दे रहे हैं। सरकार के द्वारा पिछड़े वर्ग के छात्र/छात्राओं की छात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति न किए जाने पर और पिछड़ी जातियों को 27 फीसदी आरक्षण का बंटवारा सामाजिक न्याय समिति के रिपोर्ट के अनुसार ना करने पर रोष जताया था।

PunjabKesariओम प्रकाश राजभर लगातार योगी सरकार और बीजेपी के खिलाफ बयान देते रहे हैं और लोकसभा चुनाव में सीट न मिलने की संभावनाओं को देखते हुए बगावती रुख अपना लिया था।और लगातार केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ वादाखिलाफी और मनमानी का आरोप लगाते रहे। उसी समय ये कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी चुनाव के कारण चुप है, लेकिन चुनाव बीतने के बाद ही राजभर को उनके बयानवीर होने का दंड मिल गया।

PunjabKesariआपको बता दें कि ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के साथ आई थी। हालांकि, जब से सरकार बनी है तभी से ओम प्रकाश राजभर सरकार के खिलाफ बयान देते रहे हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की राजभर समुदाय के बीच पकड़ मजबूत है। दरअसल, ओम प्रकाश राजभर की मांग है कि लोकसभा चुनाव में उन्हें दो से तीन सीटें दी जाएं।

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