Edited By ,Updated: 12 Dec, 2016 05:38 PM
नोटबंदी की किल्लत का असर सिर्फ लोगों पर ही नहीं बच्चों में भी साफ दिखाई दे रहा है। ऐसा ही एक मामला प्रदेश के मऊ जिले में आयोजित एक टैलेंट कम्पटीशन की प्रर्दशनी में दिखा।
मऊ(जाहिद इमाम): नोटबंदी की किल्लत का असर सिर्फ लोगों पर ही नहीं बच्चों में भी साफ दिखाई दे रहा है। ऐसा ही एक मामला प्रदेश के मऊ जिले में आयोजित एक टैलेंट कम्पटीशन की प्रर्दशनी में दिखा। छोटी-छोटी बच्चियों ने नोटबंदी के बाद बैंकों के बाहर जमा भीड़ देखकर उसे हू-ब-हू रूप दिया। फोम का बैक बनाया और उसके सामने लोगों की भीड़ दिखाई। बच्चियों द्वारा बनाई गई इस पोट्रैट को देखकर एमएलसी आश्चर्यचकित हो गए।
मऊ जिले के फैज़े-ए-आम मदरसे में एक टैलेंट कम्पटीशन का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि शिक्षक संघ के एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी रहे। इस दौरान छोटी बच्चियों ने अपने हाथों से घर, बगीचा बनाकर लोगों के सामने पेश किया। वहीं एक बच्ची ने नोटबंदी के बाद बैंकों पर भीड़ देखकर फोम का बैंक बनाया और उसके सामने लोगों की भीड़ दिखाई। ये देखकर एमएलसी आश्चर्यचकित रह गये और बच्चियों को आगे बढऩे की बधाई दी। वहीं कुछ बच्चियों ने देश को आजाद कराने वाले महापुरुषों का रूप धारण कर लोगों को जागरूक किया। वहीं एमएलसी ने गांधी और भगत सिंह का रूप धारण किये बच्चियों से हाथ जोड़कर आशीर्वाद लिया।
उद्देश्य परेशान लोगों को दिखाना-उम्मे कुलसुम
प्रर्दशनी में बैंक की भीड़ दिखाने वाली बच्ची उम्मे कुलसुम से जब इस बारे में पूछा गया कि आपके मन में इसे बनाने का ख्याल कैसे आया तो बच्ची ने बताया कि आजकल बैंकों के बाहर भारी भीड़ लग रही है। हम यहां पर बैंक बनाए हैं और उसके बाहर भीड़ दिखाए हैं। इसका उद्देश्य है कि लोग बैंकों के बाहर लाइन लगाकर कितने परेशान हैं?
टैलेंट कम्पटीशन के जरिए बच्चों में दिखेगा टैलेंट-शमीम बानो
वहीं मदरसा प्रधानाचार्या शमीम बानो ने बताया कि हमारे मदरसे में टैलेंट कम्पटीशन का आयोजिन हुआ है। जिसमें बच्चियों ने अपने हाथों से कुछ न कुछ बनाया है। हमारे देश को आजाद कराने वाले महापुरुषों को लोग भूलते जा रहे हैं इसलिए हमने बच्चियों से महापुरुषों का रूप धारण करा कर एक संदेश दिया है कि लोग जागरूक हों और महापुरुषों का आदर करें।
MLC ने की तारीफ
इस मामले में एमएलसी ने कहा कि जिस तरीके से बच्चियों ने अपने हाथों से बनाया है, ये निश्चित रूप से काबिले तारीफ है। लोग कहते हैं कि मदरसे में सिर्फ धार्मिकता की ही पढ़ाई होती है ऐसा नहीं है। इस प्रदर्शनी से लोग जागरूक होंगे और मदरसे के बच्चों और बच्चियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। जो बच्चियों ने दर्शाए हैं वो निश्चित उच्च कोटि और मेहनत से बनाये गये हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि बच्चियों में इसी तरह का जज्बा रहेगा तो आगे ये और उंचाई पर जाएँगी।
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