डॉ.अंबेडकर का नाम बदलने पर दलितों में रोष, कहा-भुगतना पड़ेगा योगी सरकार को खामियाजा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Mar, 2018 02:14 PM

fear of dalits on the change of dr ambedkar name

संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम बदलने को लेकर दलित समाज के लोगों में भारी रोष व्याप्त है। जिसको लेकर इन लोगों ने पंचायत कर चेतावनी दी है कि ऐसा करने वालों को सबक सिखाएंगे।

शामली(सरफराज अली): संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम बदलने को लेकर दलित समाज के लोगों में भारी रोष व्याप्त है। जिसको लेकर इन लोगों ने पंचायत कर चेतावनी दी है कि ऐसा करने वालों को सबक सिखाएंगे। नाराजगी जताते हुए कहा कि आने वाली 14 अपै्रल को हम लोग जिला मुख्यालय पर काली पट्टी बांधकर धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराएंगें।

शनिवार को शामली के थाना आदर्शमण्डी क्षेत्र के गांव मेहरमपुर में दलितों ने डॉ. अंबेडकर का नाम बदलकर डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर किये जाने को लेकर एक पंचायत का आयोजन किया। जिसमें लोगों ने सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की और कहा कि ऐसा करने वालों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

पंचायत में एक कमेटी का गठन भी किया गया जो जनपद के गांव-गांव में जाकर पंचायत करेंगे और अपने समाज के लोगों को इस बारे में जानकारी देकर उनसे आह्वान करेंगे कि वो आने वाली 14 तारीख को भारी से भारी संख्या में जिला मुख्यालय पहुंचे और अपना विरोध दर्ज कराएं। 
PunjabKesariचुनाव के चक्कर में चाल चल रही है बीजेपी-अजय
दलित समाज के युवक अजय कुमार ने बताया कि बीजेपी सरकार ने बाबा साहब के नाम को बदलकर दलितों का वोट हथियाना चाहती है। इसका हम कड़ा विरोध करेंगे। सरकार अगर बाबा साहब के नाम में कोई बदलाव करती है तो हम लडऩे-मरने से भी पीछे नहीं हटेंगे। दलित समाज 14 अप्रैल को सभी जिला मुख्यालय पर पहुंच कर सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करेगा। हमें आज तक हिन्दु होने का दर्जा नहीं मिला है। अब बीजेपी सरकार आने वाले 2019 के चुनाव के चक्कर में ये सब चाल चल रही है जिसका कड़ा विरोध किया जाएगा। 
PunjabKesariनाम बदलना संविधान के बिल्कुल खिलाफ-गुरूचरण
गुरूचरण ने कहा कि बाबा साहब का नाम बदलना संविधान के बिल्कुल खिलाफ है। बाबा सहाब के संविधान से ही देश चलता है। संविधान में राम का नाम जोड़कर यह सिर्फ बीजेपी की वोट की राजनीति है। वह राम के नाम पर वोट मांगते हैं जो उनका एजेन्डा होता है। दलित समाज राम के नाम पर वोट नहीं देगा। सरकार के इस फैसले से दलित समाज के युवाओं में भारी आक्रोष है। 14 अप्रैल को लाखों की संख्या में हमलोग इसका पुरजोर विरोध करेंगे और राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन देंगे। गुरूचरण ने कहा कि दलित राष्ट्रपति होते हुए भी ऐसे कानून लाये जा रहे हंै। एस.सी.,एस.टी.एक्ट को निष्कासित किया जा रहा है। 
PunjabKesariदलित महापुरूषों के नाम में बदलाव को करेंगे विरोध-शीतल 
अध्यापक शीतल का कहना है कि सरकार दलित महापुरूषों के नाम में बार-बार बदलाव करती जा रही है। पूरा दलित समाज इस बात का पूरजोर विरोध करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार वोट की राजनीति के लिए हमारे महापुरूषों के नाम ना बदले। हमारा हिन्दुत्व ना किया जाए। अगर हमें लोग हिन्दु मानते तो हमारा शोषण ना करते। आज दलित समाज के जितने भी लोग हंै, वह हर गांव में पंचायत कर रहे हैं। 
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नाम बदलने में सरकार का निजि स्वार्थ-सलेक चन्द 
अध्यापक सलेक चन्द ने कहा कि बाबा साहब का जो नाम शुरू से साहित्य में चला आ रहा है वही रहे। कोई सरकार उसमें कोई परिवर्तन ना करे। अगर ऐसा होता है तो हम इसके विरोध में अपनी आवाज उठायेंगे। उन्होंने कहा कि बाबा साहब का नाम बदलने के पीछे सरकार का अपना निजि स्वार्थ है। सरकार ये सब दलितों को अपनी ओर आकर्षित कर वोट बढ़ाने के लिए कर रही है।

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