Edited By Ajay kumar,Updated: 07 Oct, 2020 06:23 PM
जहां एक तरफ संसद में पास हुए किसान बिल को लेकर पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है वहीं दूसरी तरफ कानपुर और सीतापुर में कुछ किसानों ने बिल का समर्थन किया है।
कानपुर-सीतापुर: जहां एक तरफ संसद में पास हुए किसान बिल को लेकर पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है वहीं दूसरी तरफ कानपुर और सीतापुर में कुछ किसानों ने बिल का समर्थन किया है। किसानों का कहना है, ‘हम खेत के बिल का स्वागत करते हैं लेकिन केंद्रीय सरकार को किसानों के बारे में अधिक सोचना चाहिए।'
उत्तर प्रदेश के कानपुर में किसान नए कृषि सुधारों का समर्थन कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि नए खेत कानून उनके लिए फायदेमंद होंगे। बिलों से हमें फायदा होगा। यह बिचौलियों की श्रृंखला को भी तोड़ देगा। किसानों को उनके अनाज का सही मूल्य मिलेगा, एक अन्य किसान ने बताया। नए कृषि कानून अच्छे हैं। अब हम सीधे अपने अनाज को बाजार में बेचेंगे।
कृषि सुधार बिल हमारे लिए फायदेमंद: किसान
वहीं सीतापुर के किसानों ने कृषि सुधारों की प्रशंसा की और उनका समर्थन किया। उन्हें उम्मीद है कि कृषि सुधार उनके लिए फायदेमंद होंगे। एक किसान ने कहा, ‘यह किसानों के हित में है क्योंकि पहले हम बंदी थे। हम मंडी में कमीशन देते थे और अब हम इससे मुक्त हैं।’ ‘यह एक लाभदायक कानून है। इसे स्वीकृत होने में कुछ समय लगा लेकिन बाद में कभी देर न हुई। हमारे अधिकार अब बढ़ गए हैं इसलिए हर सूरत में कानून हमारे हित में है। बिचौलिए वास्तव में इसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि किसानों को उनका अधिकार मिले।
गौरतलब है कि कृषि सुधार बिल को लेकर पंजाब, हरियाणा समेत देशभर में विरोध हो रहा है। पंजाब में बड़े पैमाने पर किसानों ने इस बिल का विरोध किया है। इतना ही नहीं किसानों ने सरकार से इस बिल को वापस लेने की भी मांग की है। यहां तक कि कृषि सुधार बिल को लेकर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया है।