Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Jan, 2018 04:14 PM
माघ पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने के कारण सुबह की गंगा आरती के बाद धर्मनगरी हरिद्वार में सभी मंदिरों के कपाट बंद हो गए हैं। करीब 150 साल बाद नीला चंद्र ग्रहण पड़ रहा है। यह ग्रहण मध्य काल का खग्रास होगा। ग्रहण का सूतक सुबह 8:00 बजे लग गया है।
हरिद्वार(सतीश गुजराल): माघ पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने के कारण सुबह की गंगा आरती के बाद धर्मनगरी हरिद्वार में सभी मंदिरों के कपाट बंद हो गए हैं। करीब 150 साल बाद नीला चंद्र ग्रहण पड़ रहा है। यह ग्रहण मध्य काल का खग्रास होगा। ग्रहण का सूतक सुबह 8:00 बजे लग गया है।
सूतक के चलते सभी मंदिरों के कपाट प्रातःकालीन पूजा और आरती के बाद बंद हो गए है। सूतक में सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों पर विराम लग गया है। यह चंद्र ग्रहण सांयकाल 5:18 पर शुरू होकर 6:30 से 7:38 बजे तक पूर्ण खग्रास रहेगा। चंद्रमा को ग्रहण से मुक्ति रात 8:45 पर मिलेगी।
इसके बाद सभी धार्मिक कार्य गंगा स्नान, पूजा आरती आदि किए जाएंगे। सभी मंदिरों में गंगा जल से धुलाई की जाएगी और धुलाई के बाद मां गंगा की आरती होगी। हर की पौड़ी पर प्रतिदिन सांयकाल होने वाली विश्व प्रसिद्ध आरती बुधवार को रात्रि 9:00 बजे होगी|
बता दें कि माघ पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण एक साथ होने के कारण सुबह से ही धर्मनगरी हरिद्वार के हर की पौड़ी पर श्रद्धालुओं पहुंचने लगे थे। सूतक काल के दौरान गंगा स्नान, मंत्रो के जाप और दान पुण्य कर रहें है।