सपा-बसपा गठबंधन में शामिल होगी कांग्रेस? इतनी सीटों का मिला ऑफर!

Edited By Ajay kumar,Updated: 11 Feb, 2019 08:08 PM

congress will join sp bsp coalition

लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए सभी विपक्षी दलों ने अपनी अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। देशभर में मोदी के खिलाफ गठबंधन तैयार हो रहे हैं।

लखनऊ: लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए सभी विपक्षी दलों ने अपनी अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। देशभर में मोदी के खिलाफ गठबंधन तैयार हो रहे हैं। जिस राज्य की सबसे ज्यादा चर्चाएं हो रही हैं वह देश का सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश है। जहां से केंद्र का रास्ता होकर गुजरता है। कहा जाता है कि जिस भी पार्टी का उत्तर प्रदेश में सीटें ज्यादा मिलीं उसी पार्टी की केंद्र में सरकार बनी है। पिछली बार बीजेपी ने 80 सीटों में से कुल 73 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसलिए उत्तर प्रदेश पर सभी पार्टियों का विशेष ध्यान है। इस प्रदेश से बीजेपी के रथ को रोकने के लिए सपा-बसपा ने कांग्रेस को दरकिनार कर गठबंधन कर लिया है। साथ ही सीटों का भी बंटवारा कर लिया है। 

सपा-बसपा के इस गठबंधन के बाद कांग्रेस ने बड़ा दांव चला और प्रियंका गांधी को पार्टी का महासचिव बनाते हुए पूर्वांचल की जिम्मेदारी सौंप दी गई। कांग्रेस की इसी चाल की वजह से सूबे की सियासत तेजी से करवट बदल रही है और अब सपा-बसपा अपने गठबंधन में कांग्रेस को शामिल करना चाहती हैं। जानकारी के मुताबिक समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस को 15 सीटों का ऑफर दे दिया है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने अब सीटों की डिमांड बढ़ा दी है। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में कम से कम 25 सीट चाहती है।

गौरतलब है कि पिछले महीने सपा अध्यक्ष  अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने गठबंधन का ऐलान किया था। दोनो पार्टियां सूबे की 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। इसके अलावा, अमेठी-रायबरेली में कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया था। वहीं, दो सीटें गठबंधन की अन्य पार्टियों के लिए छोडऩे का फैसला किया था।

हालांकि, गठबंधन के एक महीने गुजर जाने के बाद सपा-बसपा सूबे की किन सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। इसकी घोषणा अभी तक नहीं की गई है। इसके पीछे प्रियंका गांधी की राजनीतिक एंट्री मानी जा रही है। पिछले दिनों खबर आई थी कि सपा-बसपा नए तरीके से राजनीतिक रणनीति बनाने के बाद सीटों का बंटवारा करेंगे।

प्रियंका गांधी की एंट्री के बाद कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं। कांग्रेस प्रियंका गांधी को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अवतार के रूप में पेश कर रही है। इससे साफ जाहिर है कि सूबे की सियासी लड़ाई त्रिकोणीय हो जाएगी।

दरअसल, सपा-बसपा गठबंधन कर जिस वोटबैंक को अपनी मजबूती मानकर चल रही हैं, उसी में प्रियंका सेंध लगाती हुई नजर आ रही है। कांग्रेस ने जिस तरह से मुस्लिम वोटबैंक, ब्राह्मण और दलित मतों को लेकर अपने पाले में लाने की कवायद शुरू की है, इससे सपा-बसपा गठबंधन के जीत के मंसूबों पर पानी फिर सकता हैं। यही वजह है कि कांग्रेस को गठबंधन में शामिल करने को लेकर मंथन शुरू हो चुका है।


 
 

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