सीएम योगी बोले- नमामि गंगे प्रोजेक्ट से निर्मल हो रही गंगा, वापस दिलाएंगे पुरातन स्वरूप

Edited By Yaspal,Updated: 28 Oct, 2021 09:23 PM

cm yogi said  ganga is getting clean due to namami gange project

पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार की कटिबद्धता का इजहार करते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सामूहिक प्रयास और नमामि गंगे परियोजना के फलस्वरूप गंगा को उसका पुरातन स्वरूप वापस दिलाने में सफलता मिल रही है। दो दिवसीय उत्तर...

लखनऊः पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार की कटिबद्धता का इजहार करते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सामूहिक प्रयास और नमामि गंगे परियोजना के फलस्वरूप गंगा को उसका पुरातन स्वरूप वापस दिलाने में सफलता मिल रही है। दो दिवसीय उत्तर प्रदेश जलवायु परिवर्तन सम्मेलन का उद्घाटन करते हुये योगी ने गुरूवार को कहा कि नमामि गंगे परियोजना के परिणाम स्वरूप गंगा पहले की तुलना में काफी स्वच्छ और निर्मल हो चुकी है। औद्योगिक नगर कानपुर में जहां कभी सीवर गिरता था, आज वहां सेल्फी प्वाइंट बन चुका है। 2017 के पहले कानपुर में गंगा में एक भी जलीय जीव नहीं थे जबकि आज वहां जलीय जीवों की भरमार है। 

सीएम योगी ने कहा ‘‘ गंगा की पहचान डॉल्फिन से थी। आज आपको डॉल्फिन फिर से देखने को मिल जाएंगीं। मैं वाराणसी में जल स्तर बढ़ने पर गया था। वहां एनडीआरएफ की टीम पिछले तीन सालों से काम करती है। मैंने उनके डीआईजी से पूछा कि क्या आपको गंगा की निर्मलता में कोई परिवर्तन देखने को मिला। उन्होंने बताया कि आप अक्तूबर और नवंबर तक आएंगे, तो मैं आपको डॉल्फिन दिखा दूंगा। इससे पहले गंगा जी में डॉल्फिन नहीं दिख रही थी। हमारे जवान गंगा जी में जब प्रैक्टिस और गोता लगाते थे, तो उनके शरीर में लाल लाल चकत्ते निकल जाते थे, लेकिन आज हम गंगा जी में कई बार स्नान कर लेते हैं। आज कोई चकत्ता नहीं निकलता। नमामि गंगे परियोजना के परिणाम स्वरूप यह चीजें हमें देखने को मिल रही हैं।'' 

मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘ दुधवा हमारे ईको टूरिज्म का बड़ा सेंटर है। दो साल पहले एक वल्डर् फेस्टिवल का आयोजन किया गया था, उसमें मैं गया था। उस समय जून का महीना था, बाहर भीषण गर्मी थी। जब मैं अंदर जंगल में गया, तो लखनऊ से करीब सात से आठ डिग्री का टेम्प्रेचर में अंतर था। यह दिखाता है कि यूनाईटेड नेशन ने जो हम सबको चेतावनी दी है कि अगर जलवायु परिवर्तन इसी तरह से होता रहा, तो कितना खराब हो सकता है।'' उन्होंने कहा कि मनुष्य एकांगी नहीं है। जैसे हमारा स्वयं का एक जीवन और परिवार होता है। वैसे ही सृष्टि का भी एक चक्र होता है और मनुष्य उसका एक अंग है। इसमें वन, पर्यावरण और जीव जंतु भी हैं। सभी उसके हिस्से हैं। यही जीवन चक्र श्रृष्टि का चक्र है। 


योगी ने रिन्यूवल एनर्जी को लेकर कहा कि प्रदेश में 2017 में केवल ढाई सौ मेगावाट सोलर एनर्जी का उत्पादन होता था। आज हम लोग करीब दो हजार मेगावाट सोलर एनर्जी का उत्पादन कर रहे हैं। मार्च तक एक हजार मेगावाट और वृद्धि करने जा रहे हैं। इसी प्रकार प्रदेश में 2017 से पहले एक भी सिटी ऐसी नहीं थी, जिसमें एलईडी स्ट्रीट लाइट हो। आज हमारे पास साढ़े 16 लाख से अधिक एलईडी स्ट्रीट लाइट है। इसने कार्बन उत्सर्जन तो कम किया ही है। साथ ही बिजली की खपत को भी कम किया है। प्रदेश में चार करोड़ से अधिक एलईडी बल्ब वितरित किए गए हैं। 


 योगी ने कहा कि प्रदेश में दो परिवर्तन आपको देखने को मिलेंगे। 2017 के पहले आप प्रदेश के किसी गांव में गए होंगे, तो गांव की सड़क पैदल चलने लायक नहीं थी, जगह-जगह गंदगी होती थी। आज आप प्रदेश के किसी गांव में चले जाइए, आपको साफ-सुथरा वातावरण देखने को मिलेगा। दो करोड़ 61 लाख जो शौचालय बने हैं, उन्होंने इस स्वच्छता में योगदान दिया है। जिस कारण तमाम प्रकार की बीमारियां समाप्त हुई हैं। प्रदेश के 38 जिले ऐसे थे, जहां पर इंसेफ्लाइटिस से हर साल हजारों मौतें होती थीं। स्वच्छ भारत मिशन और जल जीवन मिशन के कारण मात्र तीन-चार वर्षों में मौत के आंकड़ों को 95 फीसदी को नियंत्रित किया जा चुका है।

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