Edited By Ajay kumar,Updated: 22 Mar, 2020 06:08 PM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रदेश के 15 जिले को २३ से २५ मार्च तक लॉकडाउन घोषित किया है। इनमें वे जिले शामिल हैं जिनमें कोरोना पॉजिटिव केस पाए गए हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पहले चरण में राजधानी लखनऊ समेत 15 जिलों में अगले तीन दिनों के लिये 'लॉक डाउन' घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा ‘‘ प्रदेश की जनता ने 'जनता कर्फ्यू' में सराहनीय योगदान किया है। हमारा यह कार्यक्रम अभी जारी रहेगा। ऐसे 15 जिले जहां कोरोना वायरस को कोई भी व्यक्ति प्रभावित है, या उसे पृथक किया गया है, उन जनपदों को 23 से 25 मार्च तक पूरी तरह लॉक डाउन किया जाएगा।''
इन जिलों को किया गया लॉकडाउन
लखनऊ |
नोएडा |
आगरा |
गाजियाबाद |
वाराणसी |
सहारनपुर |
गोरखपुर |
प्रयागराज |
कानपुर |
मुरादाबाद |
खीरी |
बरेली |
आजमगढ़ |
अलीगढ़ |
मेरठ |
योगी ने कहा कि इन जिलों के सभी नागरिकों से अपील है कि वे कहीं बाहर न निकलें। अनावश्यक भीड़ न लगाएं और सार्वजनिक स्थानों पर न जाए, क्योंकि वे उस दौर में खड़े हैं, जहां थोड़ी सी भी लापरवाही नुकसानदेह हो सकती है।
इन जिलों में पूरी तरह पुलिस और प्रशासन की गश्त होगी। मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘ लॉक डाउन के दायरे में आने वाले जिलों में किसी भी तरह की कोई गतिविधि नहीं होगी। अगले 23 से 25 मार्च तक यह व्यवस्था लागू रहेगी। हम इसके बारे में कल फिर समीक्षा करेंगे।'' उन्होंने कहा कि इन जिलों में जनता की सहायता के लिये हम पूरे प्रदेश में राज्य पुलिस की 112 सेवा के लगभग 3000 चौपहिया और 1500 दोपहिया वाहन से सुरक्षा के साथ-साथ आवश्यक सामग्री भी पहुंचाएंगे। किसी आपात स्थिति में अगर किसी परिवार को जरूरत होगी तो 112 सेवा उसके लिये उपलब्ध रहेगी।
लॉकडाउन क्या है?
लॉकडाउन और कर्फ्यू में काफी समानता है। दोनों प्रशासन द्वारा लगाया जाता है। लेकिन जनता कर्फ्यू इन दोनों से अलग है। इसमें लोगों को खुद से अपने घरों तक सीमित रखना है। उन पर प्रशासन का कोई दबाव नहीं होगा। हां सिर्फ एक नैतिक दबाव है। लॉकडाउन एक तरह की आपातकाल व्यवस्था होती है। अगर किसी क्षेत्र में लॉकडाउन हो जाता है तो उस क्षेत्र के लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती है। जीवन के लिए आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति होती है। अगर किसी को दवा या अनाज की जरूरत है तो बाहर जा सकता है या फिर अस्पताल और बैंक के काम के लिए अनुमति मिल सकती है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल के काम से भी बाहर निकलने की अनुमति मिल सकती है।
यूपी में 28 मरीज पाये गये है संक्रमित
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में कोरोना से संक्रमित 28 मरीज पाये गये है जिनमें आगरा और लखनऊ में आठ-आठ, नोएडा में सात, गाजियाबाद में दो मरीज शामिल है। इसके अलावा लखीमपुर खीरी,मुरादाबाद और वाराणसी में एक एक संदिग्ध पर कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि इन मरीजो में 11 पूरी तरह स्वस्थ हो चुके है।