बुलंदशहर हिंसा: 7 आरोपियों को मिली जमानत, स्वागत के बाद लगे ‘जय श्रीराम’ के नारे

Edited By Ajay kumar,Updated: 26 Aug, 2019 05:00 PM

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उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी को लेकर हुए बवाल में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई। तथाकथित गौरक्षकों की उन्मादी भीड़ ने न केवल एक पत्नी का सुहाग उजाड़ दिया बल्कि देश के एक होनहार पुलिस जवान को छीन लिया।

यूपी डेस्क: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी को लेकर हुए बवाल में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई। तथाकथित गौरक्षकों की उन्मादी भीड़ ने न केवल एक पत्नी का सुहाग उजाड़ दिया बल्कि देश के एक होनहार पुलिस जवान को छीन लिया। इस वारदात की खबर जैसे ही मीडिया में छपी लोग सन्न रह गए। इतना ही नहीं भीड़ के इस कृत्य ने देश को भी झकझोर कर रख दिया था। 

इस मामले में पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के विभाग अध्यक्ष उपेंद्र सिंह राघव, भाजपा युवा मोर्चा के नेता शिखर अग्रवाल और जीतू फौजी समेत 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद आज इन्हें जमानत दे दी गई। जेल से बाहर आए इन आरोपियों का लोगों ने किसी हीरो की तरह स्वागत किया। फूल मालाओं से स्वागत के बाद लोगों ने बंदे मातरम् और जय श्रीराम के नारे लगाए। इतना ही नहीं लोगों ने उनके साथ सेल्फी भी ली। 
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बता दें कि शिखर अग्रवाल भाजपा युवा मोर्चा के स्याना के पूर्व नगर अध्यक्ष हैं। जबकि उपेंद्र सिंह राघव अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के विभाग अध्यक्ष हैं। इसके अलावा अन्य तीन की पहचान जीतू फौजी, सौरव और रोहित राघव के रूप में हुई थी। जब यह आरोपी बाहर आए तो फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया गया। इस दौरान भारत माता की जय, वन्दे मातरम और जय श्री राम के नारे लगाए गए। इस दौरान पूरी घटना का वीडियो किसी ने बना लिया। ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में आरोपियों को फूलों की माला पहनाई जा रही है। कुल लोग आरोपियों के संग सेल्फी लेते हुए भी नजर आए। 
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3 दिसंबर 2018 को भड़की थी हिंसा 
उल्लेखनीय है कि 3 दिसंबर 2018 को बुलंदशहर के स्याना गांव में गोवंश के टुकड़े मिलने से हिंसा भड़क गई थी। 400 के करीब लोगों ने जमकर हंगामा करने के बाद कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस पर पत्थर और कथित तौर पर गोलियां भी चलाईं। इस घटना में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार और सुमित कुमार नाम के एक युवक की मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी का गठन करते हुए इस मामले के जांच के आदेश दिए थे। जिसमें 5 लोगों पर इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या का आरोप लगा था साथ ही 33 लोगों पर हिंसा और आगजनी उकसाने के आरोप लगाए थे। जिनमें शिखर अग्रवार और उपेंद्र राघव का नाम शामिल है। प्रयागराज हाईकोर्ट ने अब देशद्रोह की धारा में सातों आरोपियों को जमानत दे दी है।
 

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