बजट 2018: सत्तापक्ष ने सराहा तो विपक्ष ने बताया निराशाजनक

Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Feb, 2018 06:34 PM

budget 2018  the prime minister praised the opposition  said the disappointing

लोकसभा में आज पेश किये गये केन्द्रीय बजट को उत्तर प्रदेश की सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सराहा वहीं विपक्ष ने इसे निराशाजनक बताया।

लखनऊ: लोकसभा में आज पेश किये गये केन्द्रीय बजट को उत्तर प्रदेश की सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सराहा वहीं विपक्ष ने इसे निराशाजनक बताया। बजट को सत्तापक्ष ने जहां सराहा है वहीं विपक्ष ने इसे गरीब और किसान के लिए निराशाजनक बताया है। आम लोगों में कई ने बजट की सराहना की है तो कुछ ने इसकी आलोचना भी की है। मध्यम वर्गीय लोगों में आयकर छूट की सीमा नहीं बढ़ाने की वजह से निराशा देखी जा रही है। 

गरीबों, किसानों के लिए वरदान साबित होगा बजट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट को अतुलनीय बताते हुए कहा है कि यह गरीबों, किसानों और बुजुर्गों को काफी मदद पहुंचायेगा। इसमें कई ऐसी योजनाएं हैं जो इन वर्गों के लिए वरदान साबित होंगी। उन्होंने बजट को बेहतरीन करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को बधाई दी।  

बजट गरीब, किसान, और मजदूरों के लिए निराशाजनक 
पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बजट को निराशाजनक बताया। उन्होंने ट््वीट कर बजट को गरीब, किसान, और मजदूरों के लिए निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि बजट से बेरोजगार हताश हुए हैं क्योंकि उन्होंने पता चल गया है कि केन्द्र सरकार उनके लिए कुछ करने वाली नहीं है। अखिलेश यादव ने कहा कि बजट से कारोबारी, महिलाएं, नौकरीपेशा और आमलोग निराश हुए हैं। बजट में जनता की दिक्कतों का ध्यान नहीं रखा गया है। बजट के दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं होंगे। बजट से साफ हो गया है कि भाजपा केवल धनाढ्य लोगों के हित में काम करती है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जनता भाजपा को सटीक जवाब देगी। 

बजट से बढ़ेगी अमीरों-गरीबों के बीच की खाई 
बहुजन समाज पार्टी(बसपा) अध्यक्ष मायावती ने बजट को गरीब विरोधी बताते हुए कहा कि इससे अमीरों तथा $गरीबों के बीच की खाई और बढ़ेगी। मायावती ने आज यहां जारी बयान में कहा कि बजट लच्छेदार बातों वाला है। बजट में गरीबों के लिये कुछ नहीं है। बजट केवल गरीब-विरोधी एवं धन्नासेठ-समर्थक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी जुमलेबाजी बन्द करके तथ्यों तथा तर्कों के आधार पर यह कारूर बताना चाहिये कि अच्छे दिन का वायदा करके जनता को धोखा क्यों दिया। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि केवल अलंकृत भाषणों एवं लच्छेदार बातों से गरीबों तथा मेहनतकश जनता का पेट नहीं भरने वाला है। एक जिमेदार तथा जवाबदेह सरकार की तरह उनकी सत्यता का वास्तविकताओं का लेखा-जोखा भी जनता की संतुष्टि के लिये बताना चाहिये। 

प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट वास्तविक भारत के हितों की रक्षा करने वाला नहीं है। ग्रामीण भारत को सबसे ज्यादा सम्मानजनक जीवन जीने के लिये उसकी अपनी क्षमता के अनुसार बेहतर रोजगार के अवसर मुहैया कराने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की प्राथमिकतायें देश के करोड़ों $गरीबों, मजदूरों, किसानों तथा अन्य मेहनतकश लोगों के हितों को साधने वाली कतई नहीं रही है। विकास के जो दावे सरकार द्वारा किये जाते रहे हैं उसका थोड़ा भी लाभ इन वर्गों के लोगों को नहीं मिल पाया है। 

बजट से ठगा महसूस कर रहा मध्यम वर्ग: कांग्रेस
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री ने कहा कि बजट से मध्यम वर्ग ठगा महसूस कर रहा है। किसान हतप्रभ है। रोजगार के बारे में स्पष्ट रुप से कुछ नहीं कहा गया है। लोगों को उम्मीद थी कि चुनाव को देखते हुए बजट बनाया जाएगा। आयकर में छूट की सीमा बढ़ायी जाएगी लेकिन लोगों को निराशा ही हुई। बजट को लेकर आमलोग भी बंटे दिख रहे हैं। भाजपा को समर्थन देने वाली जनता बजट से खुश है लेकिन इस पार्टी के मुखालफत में रहने वाली जनता बजट को सामान्य बता रही है। दूसरी ओर, ज्यादातर गृहणियों ने कहा कि बजट यदि महंगाई कम करता है तो ठीक है। महंगाई कम नहीं होती तो काहे का बजट। वरिष्ठ नागरिक बजट से खुश दिखे क्योंकि बैंक में उनका फायदा होगा। 

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