Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jun, 2017 11:42 AM
निकाय चुनाव की तस्वीर भले ही साफ नहीं है कि वे अक्तूबर में होंगे या फिर नवम्बर में लेकिन....
आगरा: निकाय चुनाव की तस्वीर भले ही साफ नहीं है कि वे अक्तूबर में होंगे या फिर नवम्बर में लेकिन निकाय चुनाव की कसरत में जुटे सियासी दलों ने अभी से चुनाव के मद्देनजर तैयारियां कर ली हैं।
ताजनगरी की अगर बात करें तो यहां अभी निकाय चुनावों के मद्देनजर मेयर की सीट के लिए आरक्षण की तस्वीर ही अभी साफ नहीं है कि यह सीट आरक्षण में सामान्य, पिछड़े या फिर दोबारा अनुसूचित कोटे में जाएगी। आगरा में इस समय में बसपा में सामान्य वर्ग में 2 ब्राह्मणों का नाम चल रहा है, इसमें पहला नाम चिराग उपाध्याय का है जोकि प्रदेश के पूर्व काबीना मंत्री रामवीर उपाध्याय के पुत्र हैं और दूसरा नाम आगरा बाह के पूर्व विधायक मधुसूधन शर्मा का है। रामवीर उपाध्याय के पुत्र चिराग उपाध्याय का नाम विधानसभा चुनाव से पहले भी आगरा उत्तर विधानसभा चुनाव के लिए आ चुका है।
जानकारों के मुताबिक बीबी के बाद भाई को सियासत में लाने के बाद अब परिवारवाद को बढ़ाते हुए रामवीर उपाध्याय अपने पुत्र को विरासत सौंपने की तैयारी में हैं। इसमें वह आगरा की मेयर की सीट के बाबत अपने पुत्र के लिए सर्वे भी करा चुके हैं। यही नहीं ब्राह्मण पर दाव लगाने से बसपा के रणनीतिकारों को उम्मीद है कि पार्टी को ब्राह्मण, दलित, मुस्लिम समीकरण से कामयाबी मिल सकती है जिसकी वजह से ही इन दोनों में से एक नाम पर मेयर के लिए सहमति बन सकती है।
बहरहाल भविष्य के हालात कुछ भी हो वर्तमान में आगरा में रामवीर उपाध्याय की स्थापित होने की महत्वाकांक्षाओं के चलते उनके पुत्र चिराग उपाध्याय का नाम प्रबलता के साथ ब्राह्मण कोटे से मैदान में है तो वहीं दूसरी ओर ब्राह्मण कोटे से बाह के पूर्व विधायक मधुसूधन शर्मा भी मोर्चा संभाले हुए हैं।