सपा-बसपा गठबंधन से खौफजदा भाजपा: सपा

Edited By Ajay kumar,Updated: 05 Jul, 2018 07:26 PM

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह के वाराणसी में दिये गये बयान पर चुटकी लेते समाजवादी पार्टी (सपा) ने गुरूवार को यहां कहा कि आखिरकार भाजपा को समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन का खौफ सताने लगा है।

इलाहाबाद: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह के वाराणसी में दिये गये बयान पर चुटकी लेते समाजवादी पार्टी (सपा) ने गुरूवार को यहां कहा कि आखिरकार भाजपा को समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन का खौफ सताने लगा है। 

पार्टी के जिला प्रवक्ता दानबहादुर सिंह ने कहा, ‘कल तक भाजपा के लोग सपा और बसपा के गठबंधन को हल्के में लेकर ‘बुआ-बबुआ’ का मजाक उड़ाते फिरते थे। आज उसी बबुआ और बुआ से घबराने लगे। चलो अच्छा हुआ ‘देर आए दुरूस्त आये’, कम से कम उनमें इस गठबंधन को लेकर खौफ तो पैदा हुआ।’

सिंह ने बताया कि भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले शाह ने बुधवार को बनारस में अन्तत: स्वीकार कर ही लिया कि सपा एवं बसपा के संभावित गठबंधन से सावधान रहने की जरूरत है और ‘बुआ-बबुआ’ को किसी भी रूप में कमजोर नहीं आंकना होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव के दौरान जनता से किये झूठे वादों को सच साबित कर दिया होता तो उसे सपा और बसपा के गठबंधन से डरने की जरूरत नहीं होती। 

उन्होंने कहा कि डरता वह है जिसके ‘मन में चोर’ होता है। इन्होंने जनता से केवल झूठे वादे किये इसलिए खौफजदा हैं। जनता ने विश्वास कर इन्हें देश और प्रदेश की बागड़ोर सौंपी थी, लेकिन उसे अब पछतावा हो रहा है। इसी का परिणाम रहा कि लोकसभा उपचुनाव में केशव प्रासद मौर्य की फूलपुर और योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर की सीट हाथ से निकल गयी। बाद में कैराना भी हाथ से चला गया।

गौरतलब है कि पहली बार 2014 में फूलपुर लोकसभा सीट पर पांच लाख मतों से अधिक वोटों से कमल खिलाने वाले केशव प्रसाद मौर्य के सूबे के उप मुख्यमंत्री और योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर की सीट खाली हुई थी। इन दोनों सीटों पर सपा और बसपा गठबंधन ने विजय हासिल की। फूलपुर से सपा के नागेन्द्र सिंह पटेल ने तो गोरखपुर से भी सपा के प्रत्याशी प्रवीण निषाद ने विजय पताका फहराया। 

सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘आगे आगे देखिए होता है क्या’, 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव भी बबुआ और बुआ का गठबंधन ही जीतेगा, भाजपा चाहे कितना ही जोर लगा ले। जनता भाजपा की ‘जुमलेबाजी’ समझ गयी है, सपा और बसपा के कार्यकर्ता बिखरने वाले नहीं हैं और जनता दोबारा भाजपा के धोखे में आने वाली नहीं है। जनता अब जान चुकी है कि चुनाव नजदीक आने के साथ ही लोक लुभावने वादों का दौर फिर शुरू हो जायेगा और चुनाव बीतने के बाद वादे भी खत्म। 

उन्होंने कहा कि जनता से भाजपा ने भय, भ्रष्टाचार मुक्त शासन, बेरोजगारों को नौकरी, किसानों के ऋण माफी और विदेशों में जमा कालाधन वापस लाने के वादे पर सत्ता हासिल की थी। केन्द्र की सरकार के चार साल समाप्त हो गये, न बेरोजगारों को नौकरी मिली, न भय और भ्रष्टाचार मुक्त शासन ही मिला। विकास के नारे तो खूब लग रहे हैं लेकिन वह धरातल पर कहीं दिखायी नहीं दे रहा है। कानून व्यवस्था तो भगवान भरोसे। प्रदेश में जंगलराज कायम है।

सिंह ने कहा कि भाजपा 2019 का चुनाव हर हाल में जीतना चाहेगी। वह इसके लिए शाम, दाम, दण्ड और भेद की नीति का प्रयोग करेगी। सपा कार्यकर्ताओं को गुमराह करने का भी प्रयास करेगी। झूठे वादों का पुङ्क्षलदा इस प्रकार खोलेगी लगेगा कि चुनाव परिणाम के एक महीने के भीतर सारे वादे पूरे हो जायेंगे। जनता पिछले वादों को आज भी याद कर रही है और 2019 के चुनाव में उनके पहले किये वादों की खुद भरपाई करेगी। 

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