बाराबंकी विवाद: अधिकारियों ने खोला BJP नेताओं के खिलाफ मोर्चा, 5 पर केस

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Dec, 2017 11:46 AM

बाराबंकी की सांसद प्रियंका सिंह रावत द्वारा ट्रेनी आईएएस अजय द्विवेदी के साथ नोंकझोंक ने नया रंग ले लिया है। सिरौली गौसपुर के एसडीएम अजय द्विवेदी की अगुआई में जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ गुरुवार को मोर्चा खोल दिया।...

लखनऊ, आशीष पाण्डेय: बाराबंकी की सांसद प्रियंका सिंह रावत द्वारा ट्रेनी आईएएस अजय द्विवेदी के साथ नोंकझोंक ने नया रंग ले लिया है। सिरौली गौसपुर के एसडीएम अजय द्विवेदी की अगुआई में जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ गुरुवार को मोर्चा खोल दिया। अधिकारियों ने बीजेपी के मंडल अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के अलावा सांसद प्रियंका सिंह रावत के प्रतिनिधियों समेत कई पर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के चार अलग-अलग केस दर्ज करवा दिया हैं।

अवैध कब्जा हटवाने पर हुआ था विवाद
यह विवाद मंगलवार को सिरौली गौसपुर में तालाब की जमीन से कब्जा हटवाने के दौरान शुरू हुआ था। तब सांसद और ट्रेनी आईएएस अजय द्विवेदी में झड़प भी हुई थी। गुरुवार को एसडीएम द्विवेदी ने बीजेपी के मंडल उपाध्यक्ष आलोक सिंह और सांसद के प्रतिनिधियों-राजेश वर्मा, रमेश चंद्र सहित पांच नामजद व 25 अज्ञात के खिलाफ और नायब तहसीलदार सुशील प्रताप सिंह ने बीजेपी के मंडल अध्यक्ष संतोष पांडे, उपाध्यक्ष आलोक सिंह, ग्राम प्रधान चैला के पति बृजेश सिंह, उमाशंकर सिंह और कृष्ण सिंह पर केस दर्ज करवाया है। लेखपाल महेंद्र ने उदयभान सिंह पर एफआईआर की है। इन सभी पर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का आरोप है। वहीं शिक्षक रिजवान ने आलोक सिंह पर स्कूल की जमीन पर कब्जा करने का केस दर्ज करवाया है। सांसद प्रियंका रावत ने कहा है कि कार्यकताओं और निर्दोष जनता के लिए मैं हर कीमत चुकाने को तैयार रहूंगी।
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यह था मामला
यह घटनाक्रम मंगलवार का है। बाराबंकी जिला के सफदरगंज थाना क्षेत्र के चैला गांव में जिला प्रशासन की टीम कब्जा हटवाने के लिए गई थी। आरोप है कि यहां बीजेपी के मंडल अध्यक्ष आलोक सिंह का तालाब व सरकारी स्कूल की ज़मीन पर कब्ज़ा है। इस अवैध अतिक्रमण को हटाने गये नायब तहसीलदार व राजस्व विभाग की टीम से ग्रामीणों की नोकझोंक हो गई। मौके पर एसडीएम अजय कुमार द्विवेदी को बुलाया लिया गया। तब तक भाजपा नेताओं ने सांसद प्रतिनिधि राजेश वर्मा को मौके पर बुला लिया। सांसद प्रतिनिधि की प्रशासनिक अधिकारियों से नोकझोंक होने लगी। ग्रामीणों की भीड़ बढ़ते देख एसडीएम गांव से जाने लगे।

सांसद ने दी बाराबंकी में जीना मुश्किल करने की धमकी 
यह सब चल ही रहा था कि मौके पर जिले की सांसद प्रियंका रावत भी पहुंच गई। आरोप है कि वो पहुंचते ही एसडीएम पर आग बबूला हो गईं और नोंकझोंक करने लगी। बताया जा रहा है कि सांसद ने आईएएस अधिकारी को अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया। सांसद बोली कि तुम्हारे जैसे कई एसडीएम हमारे घर में हैं। काम करना है तो ठीक से करो वार्ना कहीं ऐसी जगह फेंकवा दूंगी पता नहीं चलेगा। आरोप है कि भाजपा सांसद प्रियंका रावत ने एसडीएम के लिए ग्रामीणों से से कहा कि खदेड़ दो जरा इसे, पकड़ो इसे मारो। ऐसी भाषा सुनकर एक आईएएस अधिकारी काफी तनाव में है। इतना ही नहीं बीजेपी सांसद ने एसडीएम को बाराबंकी में जीना मुश्किल करने तक की धमकी दे डाली। हालांकि सांसद के गुर्गों को भारी पड़ता देख सफदरगंज थाने के पुलिसकर्मियों ने एसडीएम को सुरक्षा घेरे में लिया और वापस लौट गए। कुछ स्थानीय निवासियों का कहना है कि एक तरफ जहां सीएम योगी भू-माफियाओं के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ उनके ही नेता अवैध कब्जा करके कुंडली मारकर बैठे हैं। इसके पहले भी प्रियंका रावत ने बाराबंकी के तत्कालीन एएसपी को खाल खिंचवाने की धमकी दी थी।  

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