Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 May, 2018 08:57 PM
इलाहाबाद के भाजपा विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी का पुलिस ऑफिसर को डांटते हुए पुलिस को जूते की नोक में रखने के बयान का मामला अभी थमा ही नहीं था कि एक और भाजपा विधायक अपने गुस्से की वजह से चर्चा में आ गए हैं।
इलाहाबादः इलाहाबाद के भाजपा विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी का पुलिस ऑफिसर को डांटते हुए पुलिस को जूते की नोक में रखने के बयान का मामला अभी थमा ही नहीं था कि एक और भाजपा विधायक अपने गुस्से की वजह से चर्चा में आ गए हैं। कौशाम्बी के चायल से भाजपा विधायक संजय गुप्ता मामूली बात काे लेकर एक दाराेगा का जीना दुष्वार कर दिया है। सस्पेंड कराने के बावजूद भी उसका पीछा नहीं छाेड़ रहे हैं।
क्या है मामला?
बता दें कि आरोप है कि विधायक जी के भतीजे की गाड़ी इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक समीक्षा अधिकारी की बाइक से बैक करते समय टकरा गयी। जिसकी शिकायत अधिकारी ने पुलिस को कर दी। पुलिस इंस्पेक्टर एस के निगम ने शिकायत पाने के बाद टक्कर मारने वाली विधायक के भतीजे की उस कार को उनके घर से क्रेन से पब्लिकली उठवा लिया। बस इतनी सी बात विधायक जी को इतनी नागवार गुजरी की उन्होंने अपनी ड्यटी पूरी करने वाले पुलिस इंस्पेक्टर एस के निगम की शिकायत सीएम और डीजीपी तक कर डाली। नतीजा ये हुआ कि दरोगा सस्पेंड कर दिए गए।
प्रेस कांफ्रेंस तक कर गए नेताजी
सस्पेंड कराने के बावजूद भी विधायक जी का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी तक इसकी शिकायत कर उस दरोगा का जीना मुश्किल कर दिया है। विधायक जी ने आज इस छोटे से मसले को फैलाने के लिए बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस तक कर डाली।
खड़े हाे रहे सवाल
दाराेगा पर की गई कार्रवाई पर सवाल खड़ा हाे रहा है कि ड्यूटी करने वाले पुलिस कर्मियों पर जब इस तरह दबाव बनाया जाएगा तब पुलिस का मनोबल कैसे कायम रहेगा।