Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Dec, 2017 07:09 PM
योगी सरकार में नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत 4688 स्टॉफ नर्स और एएनएम सहित कई अन्य पदों की भर्ती में बड़ा घोटाला सामने आया है...
लखनऊ(अनिल सैनी): योगी सरकार में नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत 4688 स्टॉफ नर्स और एएनएम सहित कई अन्य पदों की भर्ती में बड़ा घोटाला सामने आया है। दरअसल यहां एनएचएम ने 90 में से 3 और 8 मार्क्स पाने वाले कैंडिडेट्स को पास दिखाते हुए चयन कर लिया है। वहीं 64 नंबर पाने वाले पास कैंडिडेट्स को फेल दिखाते हुए चयन सूची से बाहर कर दिया गया है।
भर्ती प्रक्रिया पर उठने लगे सवाल
वहीं ये मामला सामने आने के बाद से भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। जहां कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया तो वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने सरकार का बचाव करते हुए जांच के निर्देश दिए हैं।
ये है पूरा मामला
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रदेश भर में एएनएम, स्टॉफ नर्स, पीआरओ, लैब टेक्नीशियन और लैब अटेंडेट के करीब 4688 पदों पर संविदा के तहत भर्ती के लिए 22 जुलाई, 2017 को भर्ती निकाली गई थी। आवेदन की आयु सीमा 18 से 43 वर्ष थी। वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए उम्र सीमा 18 से 45 वर्ष निर्धारित की गई थी। जनरल कैंडिडेट्स के लिए आवेदन शुल्क 100 रूपए, जबकि अन्य के लिए 50 रूपए रखा गया था। इसके लिए अंतिम तिथि 14 अगस्त, 2017 निर्धारत की गई थी।
3 अंक पाने वाले कैंडिडेट्स पास
भर्ती प्रक्रिया के लिए 5 नवंबर, 2017 को प्रदेश भर में लिखित परीक्षा आयोजित कराई गई थी। 22 दिसंबर को परिणाम जारी किया गया था। जिसमें व्यापक स्तर पर गड़बड़ियां पाई गई हैं। परिणाम में 90 में से 8 और 3 अंक पाने वाले कैंडिडेट्स का चयन कर लिया गया, जबकि 90 में से 60 से अधिक नंबर पाने वाले कई कैंडिडेट को फेल दिखाते हुए भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया है।
क्या कहना है स्वास्थ्य मंत्री का?
स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह का कहना है कि नर्सिस की जिलावार भर्ती हो रही है और उसका ही विज्ञापन आया है। किसी जगह 4 तो किसी जगह 5 है। अब उसके हिसाब से लोगों ने जहां भर्ती की है उनकी रैंकिंग बनती है। उदाहरण के लिए प्रतापगढ़ है, वहां 10 पद है तो जो पद पर जिनके नंबर ज्यादा है उनको दे दिया जाएगा।
साथ ही उन्होंने कहा कि अगर वहीं नंबर कहीं और देखेंगे तो वो नंबर आपको कम दिखेंगे। आपको लगेगा उनकी भर्ती कम नंबर से हो गई ज्यादा से नहीं हुई। तो ये जिलावार भर्तियां हैं, जब यह भर जाता है उसके बाद दूसरे को रोक दिया जाता है।