भीम आर्मी जिलाध्यक्ष के भाई सचिन वालिया की मौत काे लेकर सरसनीखेज खुलासा

Edited By Ajay kumar,Updated: 16 May, 2018 02:27 PM

सहारनपुर में भीम आर्मी जिलाध्यक्ष के छोटे भाई सचिन वालिया की मौत काे लेकर सनसनीखेज खुलासा हुआ है। डीआईजी सहारनपुर शरद सचान के मुताबिक सचिन की माैत गलती से चली गाेली के कारण हुई है। डीआईजी ने ख़ुलासा करने वाली पुलिस टीम को 25 हज़ार का इनाम देने की...

सहारनपुरः सहारनपुर में भीम आर्मी जिलाध्यक्ष के छोटे भाई सचिन वालिया की मौत काे लेकर सनसनीखेज खुलासा हुआ है। डीआईजी सहारनपुर शरद सचान के मुताबिक सचिन की माैत गलती से चली गाेली के कारण हुई है। डीआईजी ने ख़ुलासा करने वाली पुलिस टीम को 25 हज़ार का इनाम देने की घोषणा की है। 

सहारनपुर में भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष के छोटे भाई सचिन वालिया की मौत के रहस्य से पर्दा उठाते हुए पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि घटना वाले दिन गांव में रामनगर के 7 युवक एक कमरे में बैठकर तमंचा देख रहे थे। एक युवक के हाथ में तमंचा था और उसने जैसे ही तमंचे की नाल को ऊपर किया तो अचानक गोली चल गई तथा सामने बैठे सचिन वालिया के गले को चीरते हुए पीछे की ओर जाकर फंस गई। हालत गंभीर हाेने की वजह से सचिन की अस्पताल में माैत हाे गई। पुलिस ने इस मामले में एक युवक को गिरफ्तार किया है। 
PunjabKesariमहाराणा प्रताप जयंती कार्यक्रम के दौरान हुई माैत 
बता दें 9 मई को महाराणा प्रताप जयंती कार्यक्रम के दौरान सचिन वालिया की संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई थी। जिसके बाद शहर में जातीय तनाव पैदा हो गया था। हालात सामान्य बनाए रखने के लिए सहारनपुर में आरएएफ की तीन कंपनियों के अलावा पीएसी और पुलिस बल को तैनात किया गया था। इसके बाद कोतवाली देहात पुलिस और सर्विलांस टीम को इस मामले की जांच और खुलासे के लिए लगाया गया।

आराेपी प्रवीण काे पुलिस ने किया गिरफ्तार 
डीआईजी शरद सचान ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि सचिन वालिया की मौत मामले में गांव रामनगर निवासी प्रवीण उर्फ मांडा पुत्र पूरण सिंह को गिरफ्तार किया गया है। प्रवीण उर्फ मांडा के कब्जे से पुलिस ने एक खोखा तथा 315 बोर का एक तमंचा भी बरामद किया है।
PunjabKesariसचिन वालिया ने हमें फोन करके बुलाया-प्रवीण
प्रवीण उर्फ मांडा ने बताया कि 9 मई को वह गांव रामनगर स्थित अपनी दुकान पर था, तभी सचिन वालिया ने उसे फोन कर गांव के ही रहने वाले निहाल के घर पर बुलाया जहां पर सचिन वालिया के साथ गांव गलीरा निवासी गुल्लू, राहुल कोरी माजरा, शिवम पुत्र रविंद्र निवासी नया गांव, नितिन पुत्र पप्पू, चैंकी पुत्र महादेव निवासी रामनगर मौजूद थे। 

प्रवीण से अचानक दबा ट्रेगर 
पुलिस के मुताबिक उक्त सभी युवक एक तमंचे को बारी बारी से देख रहे थे। जब तमंचा प्रवीण उर्फ मांडा चेक करने लगा तो अचानक तमंचे का ट्रिगर दब गया और तमंचे से निकली गोली सामने बैठे सचिन वालिया के मुंह पर जा लगी। 

हमें मालूम नहीं था कि तमंचे में है कारतूस-प्रवीण 
प्रवीण ने पुलिस को बताया कि उसे यह मालूम नहीं था कि तमंचे में कारतूस है या नहीं। तमंचे को निहाल के घर पर छोड़कर सभी युवक सचिन वालिया को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां पर डाक्टरों ने सचिन वालिया को मृत घोषित कर दिया। उसी समय युवकों ने सचिन वालिया को गोली लगने की जानकारी भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया को दे दी थी। 
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सचिन की माैत एक हादसा-डीआईजी
डीआईजी ने बताया कि सचिन की हत्या को लेकर जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, उनमें से किसी ने सचिन की हत्या नहीं की है, बल्कि यह एक हादसा हुआ, जिसमें सचिन वालिया की मौत हुई। 

सचिन के परिजनाें ने गैर दलितों पर लगाया हत्या का आराेप 
यहां यह भी बता दें कि सचिन की मौत के बाद माहौल पूरी तरह से गर्मा गया था। क्योंकि सचिन के परिजन सचिन की हत्या गैर दलितों द्वारा किए जाने का आरोप लगा रहे हैं। यह भी बता दें कि गत दिवस यानि सोमवार को कमल वालिया ने जेल में बंद भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण से मुलाकात की थी और इसके बाद कमल वालिया ने बयान जारी किया था कि उसके भाई की मौत की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, जो भी हत्यारोपी किसी भी जाति अथवा बिरादरी के हों, उन्हें सजा मिलनी चाहिए। 

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