अखिलेश ने फिर किया सपा-बसपा गठबंधन की ओर इशारा, कहा-अंबेडकर-लाेहिया के सपने पूरा करने का अवसर

Edited By Ajay kumar,Updated: 18 Aug, 2018 03:00 PM

akhilesh again reacts to sp bsp coalition

उत्तर प्रदेश में अगर माया-अखिलेश का गठबंधन 2019 में बीजेपी के खिलाफ मैदान में उतरा तो बीजेपी के लिए सूबे में 2014 जैसे नतीजे दोहराना मुश्किल हो जाएगा।

यूपी डेस्कः उत्तर प्रदेश में अगर माया-अखिलेश का गठबंधन 2019 में बीजेपी के खिलाफ मैदान में उतरा तो बीजेपी के लिए सूबे में 2014 जैसे नतीजे दोहराना मुश्किल हो जाएगा। इस गठबंधन को लेकर इशारों ही इशारों में एक बार फिर से संदेश दिया गया है। स्वतंत्रता दिवस से पूर्व अखिलेश यादव द्वारा जारी किये गए वीडियो में इसकी साफ झलक दिखाई दी। 

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बसपा से गठबंधन की अपनी ख्वाहिश की तरफ इशारा करते हुए कहा कि देश का भविष्य आर्थिक समानता, सामाजिक न्याय और एकता से ही मजबूत बनाया जा सकता है। यही सपना डॉ.आंबेडकर और राम मनाेहर लोहिया ने भी देखा था। दोनों ने 1956 में एक दूसरे को खत लिखकर तय किया था कि वह मिलकर यह लड़ाई लड़ेंगे। मगर, अफसोस कि दिसंबर 1956 में बाबा साहब का देहांत हो गया, लेकिन आज हमें वह सपना पूरा करने का अवसर मिला है।

गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव नतीजाें में सपा-बसपा की जीत
गोरखपुर-फूलपुर के बाद कैराना उपचुनाव में हुए प्रयोग के नतीजों ने सपा-बसपा को उम्मीद से भर दिया है। क्याेंकि इन सभी सीटाें पर बीजेपी प्रत्याशी काे गठबंधन से करारी हार का सामना करना पड़ा है। 

मुलायम-कांशीराम के फार्मूले काे फिर से लागू करने की काेशिश
पहली बार 1993 में राममंदिर आंदोलन के दौर में बीजेपी की लहर को रोकने के लिए कांशीराम और मुलायम सिंह ने हाथ मिलाया था। इसका असर ये हुआ  कि बीजेपी सूबे की सत्ता से बाहर हाे गई। अब दोबारा 25 साल बाद फिर सपा-बसपा गठबंधन को तैयार हैं। इस बार निशाने पर राज्य की नहीं बल्कि केंद्र की मोदी सरकार भी है।
 

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