Edited By ,Updated: 29 May, 2016 05:02 PM
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के शासकीय स्कूलों में पढऩे वाले मेधावी छात्र-छात्राआें की आई.आई.टी. प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने में मदद के लिए पटना के मशहूर कोचिंग संस्थान ‘सुपर-30’ से हाथ मिलाएगी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के शासकीय स्कूलों में पढऩे वाले मेधावी छात्र-छात्राआें की आई.आई.टी. प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने में मदद के लिए पटना के मशहूर कोचिंग संस्थान ‘सुपर-30’ से हाथ मिलाएगी। एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि सुपर-30 से बातचीत आखिरी दौर में है। इसका मकसद सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले मेधावी छात्रों की आई.आई.टी. प्रवेश परीक्षा जैसे मुश्किल इम्तेहान को पास करने में मदद करना है। उन्होंने बताया कि सुपर-30 के लिए विद्यार्थियों का चयन एक परीक्षा के आधार पर किया जाना प्रस्तावित है। यह इम्तेहान लखनऊ, इलाहाबाद, गोरखपुर, बरेली, झांसी, कानपुर, आगरा, मुरादाबाद और आजमगढ़ समेत 11 केन्द्रों पर होगा। अधिकारी ने बताया कि सुपर-30 के संस्थापक आनन्द कुमार ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने का सुझाव दिया है, ताकि वह छात्रों में प्रतियोगी परीक्षाएं पास करने के लायक नींव ढ़ाल सकें।
उन्होंने बताया कि इस काम के लिए सुपर-30 राज्य सरकार से कोई मानदेय नहीं लेगा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस साल जनवरी में नवोदय विद्यालय के कई गरीब लड़कों द्वारा आई.आई.टी. प्रवेश परीक्षा पास करने और अपने सामने आई समस्याआें को उनसे साझा किए जाने के बाद सुपर-30 की मदद लेने में दिलचस्पी दिखाई थी। अखिलेश की इस पहल पर राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री के विशेष सचिव मुतुकुमार स्वामी को इस योजना को मूर्तरूप देने के लिए नोडल अधिकारी बनाया है। वहीं शिक्षा विभाग ने उपनिदेशक विकास श्रीवास्तव को इसका जिम्मा दिया गया है। श्रीवास्तव ने पटना जाकर सुपर-30 के संस्थापक आनन्द कुमार से बातचीत की थी। मालूम हो कि सुपर-30 पिछले 11 वर्षों से बिहार में आई.आई.टी. में दाखिला चाहने वाले गरीब विद्यार्थियों को मुफ्त कोचिंग दे रहा है। यह संस्थान गरीब वर्ग के 30 मेधावी विद्यार्थियों को चुनकर उन्हें आई.आई.टी.-जे.ई.ई. के लिए तैयार करता है।