फिर विकराल हुई बाढ़: 2 की डूबकर मौत, 28 जिलों में लाखों की आबादी प्रभावित

Edited By ,Updated: 25 Aug, 2016 02:06 PM

lucknow rain flood ganga

बारिश होने और नेपाल के बांधों से पानी छोड़े जाने की वजह से उत्तर प्रदेश में गंगा और यमुना समेत विभिन्न नदियों की बाढ़ से 28 जिले प्रभावित हुए हैं और...

लखनऊ: बारिश होने और नेपाल के बांधों से पानी छोड़े जाने की वजह से उत्तर प्रदेश में गंगा और यमुना समेत विभिन्न नदियों की बाढ़ से 28 जिले प्रभावित हुए हैं और करीब एक हजार गांवों में रहने वाले लाखों लोग इस दुश्वारी से जूझ रहे हैं। गाजीपुर में बाढ़ के पानी में डूबने से 2 लोगों की मौत हो गई है। बाढ़ की वजह से गाजीपुर, बलिया, बांदा, हमीरपुर, इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी, औरैया, जालौन समेत अनेक जिलों के तटीय इलाकों में तबाही का मंजर है। हजारों हेक्टेयर फसल बरबाद हो गई है।

प्रदेश के राहत आयुक्त डी. के. सिंह ने बताया कि गंगा नदी में जलस्तर बढऩे के कारण इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया के कुल 987 गांवों के 8 लाख 60 हजार 603 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। अब तक 30247 लोगों को राहत शिविरों एवं 62397 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में गंगा और यमुना नदी का जलस्तर बढ़ऩे के कारण जनपद मिर्जापुर एवं महोबा भी बाढ़ प्रभावित हो गए हैं। अब तक 28 जिले बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं।

बाढ़ में बचाव एवं राहत कार्य के लिए बलिया में राष्ट्रीय आपदा राहत बल के 3 प्लाटून और इलाहाबाद तथा गाजीपुर में एक-एक प्लाटून भेजी गई है। सिंह ने बताया कि गंगा नदी में जलस्तर बढऩे के कारण उत्पन्न बाढ़ की स्थिति के दृष्टिगत इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर एवं बलिया में कुल 2462 नावें, 48 मोटर बोट तथा 39 अन्य वाहनों की मदद ली जा रही है। राहत आयुक्त ने बताया कि इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर एवं बलिया में बाढ़ से निपटने के लिए अब तक 323 बाढ़ चौकियां, 142 राहत शिविर तथा 101 राहत वितरण केन्द्रों की स्थापना की गयी है। बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री बांटी गई है।

इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर एवं बलिया में बाढ़ प्रभावित लोगों को चिकित्सा सहायता के लिए 284 चिकित्सा दल गठित करके 4443 लोगों का इलाज किया गया है। इस बीच, गाजीपुर से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक गंगा की बाढ़ में डूबने से 2 लोगों की मौत हो गई है। जमानियां कोतवाली क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव का निवासी सुधीर नामक लड़का सामान लेकर बाढ़ के पानी से गुजर रहा था, तभी उसका पैर फिसल गया और वह तेज धारा में बह गया। बाद में उसका शव बरामद किया गया।  

इसके अलावा करंडा क्षेत्र के सोकनी गांव निवासी शिवपूजन यादव बाढ़ के पानी में डूबी झोपड़ी में बंधे मवेशियों को निकालकर ले जा रहा था, तभी पानी के बहाव से गड्ढे में गिरकर डूब गया। राष्ट्रीय आपदा राहत बल के जवानों ने उसे निकाला लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा और यमुना समेत कई नदियां उफान पर हैं। यहां तक कि आमतौर पर हर साल सूखे की मार झेलने वाले बुंदेलखण्ड के कुछ जिले भी बाढ़ रूपी मुसीबत से घिर गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार गंगा नदी मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में अब भी खतरे के निशान से उपर बह रही है। बलिया में तो इसका जलस्तर लाल चिह्न से ढाई मीटर से भी ज्यादा उपर पहुंच गया है। ज्यादातर स्थानों पर इसका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसके अलावा नरौरा फतेहगढ़, गुमटिया, अंकिनघाट तथा कानपुर में गंगा का जलस्तर लाल चिह्न के नजदीक पहुंच गया है।

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