Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jan, 2018 08:48 AM
उत्तराखंड के तीन सौ करोड़ रुपये से अधिक के एनएच 74 घोटाले में पंजाब के जिन आठ लोगों को उधम सिंह नगर पुलिस ने फरार घोषित किया है उनमें से पांच अमृतसर ग्रामीण में राजासांसी हवाई अड्डे के निकट पड़ने वाले कम्बों थाना क्षेत्र के हेर गांव के रहने वाले हैं।
देहरादून/संजय झा। उत्तराखंड के तीन सौ करोड़ रुपये से अधिक के एनएच 74 घोटाले में पंजाब के जिन आठ लोगों को उधम सिंह नगर पुलिस ने फरार घोषित किया है उनमें से पांच अमृतसर ग्रामीण में राजासांसी हवाई अड्डे के निकट पड़ने वाले कम्बों थाना क्षेत्र के हेर गांव के रहने वाले हैं। ये पांचों किसान हैं और सगे भाई हैं। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक एक आरोपी लालपुर कुंडा और दो आरोपी गिन्नीखेड़ा के रहने वाले हैं। इन सबके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हो चुका है। पंजाब केसरी की इस खबर के बाद कि एनएच 74 घोटाले के आरोपी विदेश भाग गये हैं, पुलिस और राजनीतिक हलकों में हड़कंप के साथ हलचल तेज हो गयी है। ऐसे राजनेता और अधिकारी जिनके नाम इस घोटाले में आ रहे हैं दिन भर पुलिस की अग्रिम कार्रवाई के बारे में पता करते रहे। एक नेता के बारे में तो यह भी बताया जा रहा है कि वह बुधवार को किसी से नहीं मिला। सिर्फ फोन के जरिये पुलिस के अगले कदम की टोह लेता रहा।
सभी फरार आरोपी उधम सिंह नगर जिले के सितारगंज क्षेत्र में रह रहे थे, जहां इनकी सम्पत्ति है। जब पुलिस वहां वारंट तामिल कराने गयी तो कोई नहीं मिला। इन सभी आरोपियों पर हेराफेरी कर आठ से दस करोड़ रुपये प्रति व्यक्ति मुआवजे के तौर पर हड़प कर फरार हो जाने का आरोप है। पुलिस सम्पत्ति कुर्क करने की तैयारी कर रही है। पुलिस का मानना है कि ये सभी आरोपी या तो भेष बदलकर देश में ही कहीं छिपे हैं या विदेश भाग चुके हैं।
जिन लोगों के नाम अभी तक सामने आये हैं उनमें अजमेर सिंह, गुरमेल सिंह, सुखदेव सिंह, सुखवंत सिंह और सतनाम सिंह सगे भाई हैं। ये गुरबचन सिंह के बेटे हैं। छठा आरोपी दिलबाग सिंह पुत्र रतन सिंह ग्राम लालपुर कुंडा का रहने वाला बताया गया है। जबकि दो आरोपी संदीप पुत्र जसपाल सिंह और विक्रमजीत सिंह पुत्र सकत्तर सिंह गिन्नीखेड़ा आईटीआई के रहने वाले हैं। उधम सिंह नगर पुलिस अभी तक इन लोगों के नाम इसलिये नहीं खोल रही है क्योंकि आरोपियों के सतर्क हो जाने के बाद उनको पकड़ना और भी मुश्किल हो जायेगा।
सूत्र तो यहां तक बता रहे हैं कि उत्तराखंड पुलिस पंजाब जाकर इन आरोपियों की खोजबीन कर चुकी है, लेकिन किसी का कोई सुराग नहीं मिला। अभी तक इनका नाम प्रकाश में न आने का एक कारण यह भी है कि मामला दर्ज होने के बाद हुई तहकीकात में इनके नाम सामने आए थे। उस समय तक चुनाव समाप्त हो चुका था और मीडिया भी इस मामले की ओर से मुंह मोड़ चुका था। उधम सिंह नगर के एसएसपी सदानंद दाते से जब इन नामों के बारे में पुष्टि करनी चाही तो उन्होंने कहा कि यह जानकारी काफी हद तक सही है, लेकिन अभी जांच जारी है इस कारण उनका कुछ कहना उचित नहीं होगा।