बस एक करवट...और टूट जाती हैं इनकी 4-5 हड्डियां, मिलना चाहती हैं PM मोदी से

Edited By ,Updated: 01 Jul, 2016 02:13 PM

twins suffering from osteogenesis imperfecta want to meet narendra modi

25 साल की ट्विन्स बहनें श्रुति और गोरे आम लोगों की तरह झटके से करवट नहीं ले सकतीं। अगर ये ऐसा करती हैं तो यह उनके लिए काल से कम नहीं होता क्योंकि इससे उनकी एक साथ कभी-कभी चार-पांच जगह से हड्डियां फ्रैक्चर हो जाती हैं।

कानपुर: 25 साल की ट्विन्स बहनें श्रुति और गोरे आम लोगों की तरह झटके से करवट नहीं ले सकतीं। अगर ये ऐसा करती हैं तो यह उनके लिए काल से कम नहीं होता क्योंकि इससे उनकी एक साथ कभी-कभी चार-पांच जगह से हड्डियां फ्रैक्चर हो जाती हैं। कानपुर के लालबंगला इलाके की रहने वाली ये सिसर्ट्स 'ओस्टोजेनिसिस इम्पेर्फेक्टा' बीमारी से पीड़ि‍त हैं इसलिए ये दोनों 15 साल तक कमरे से बाहर नहीं नि‍कलीं।

साल 2007 में श्रुति और गोरे ने 'दस का दम' के सेट पर बॉलीवुड स्टार सलमान खान, अभिनेत्री कैटरीना कैफ और नील नि‍ति‍न मुकेश से मुलाकात की थी। सेट पर दोनों को दर्शक दीघा में स्पैशल गेस्ट के रूप में रखा गया था। सलमान ने इनको मिलने के लिए खुद मुंबई बुलाया था। सलमान की फरमाईस पर दोनों बहनों ने गाना भी गाया था। इतना ही नहीं सलमान ने काफी देर तक दोनों ने बातें की थीं।
श्रुति और गोरे की हाईट करीब डेढ़ फुट, वजन- पांच से छह किलो है, इनका शरीर असामान्य विकसित है।

श्रुति और गोरे के मुताबिक जन्म से लेकर करीब 15 साल तक वे दोनों बस एक कमरे में ही रहीं। कहीं बाहर नहीं जाती थीं। घर में जो रिश्तेदार या जान-पहचान वाले आते थे, बस उन्हीं से ये मिलती थीं। दोनों जब स्कूल में दाखिला लेने गईं तो स्कूल वालों ने ये कह कर एडमिशन देने से मना कर दिया कि यहां इनकी केयर कौन करेगा। श्रुति और गोरे से छोटे उनकी एक और बहन निधि और भाई भी है।

क्या है ओस्टोजेनिसिस इम्पेर्फेक्टा
ओस्टोजेनिसिस इम्पेर्फेक्टा एक जेनेटिक डिसऑर्डर होता है। इसका असर मुख्य रूप से हड्डियों पर पड़ता है। ज्वाइंट कमजोर होना, स्पाइनल कर्वेचर का स्लाईट होना, कमजोर मसल, आंखों का रंग ब्लू-ग्रे होना, बालों का झड़ना, और आंखों की रोशनी कम होना इसके मुख्य लक्षण हैं। इस बीमारी में मरीज की जन्‍म के समय से ही हड्डियां असामान्य होती हैं।

मरीज की कई हड्डियों के एक साथ बिना कारण ही टूटने का खतरा बना रहता है। यह बीमारी आठ तरह की होती है। हरेक के अलग-अलग लक्षण होते हैं। टाइप-1 माइलडेस्ट फॉर्म में होता है जबकि टाइप-2 बेहद खतरनाक होते हैं। श्रुति और गोरे की मां सोनिया के मुताबिक इनके दोनों बहनों में भी टाइप-1 के लक्षण हैं।

हर तीन महीने में 20 हजार रुपए इलाज पर होते हैं खर्च
श्रुति और गोरे के पिता राजकुमार बाटला के मुताबिक इनके पैदा होने के बाद इनको लेकर दिल्ली के एम्स तक के चक्कर लगाए लेकि‍न डॉक्‍टरों ने इलाज से मना कर दिया। एम्स के डॉक्टर्स ने इनकी बीमारी को लेकर इलाज करने के बजाए इनपर रिसर्च करने की बात कही। फिर वे दोनों को मुंबई ले गए, लेकि‍न कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि जहां भी इनके ठीक होने की थोड़ी आस नजर आई ये हर उस मंदिर की चौखट पर गए लेकिन सब बेकार गया। पिता राजकुमार बाटला ने बताया कि इनको कैल्‍शियम का डोज दिया जा रहा है। इसके लिए हर तीसरे महीने इनको लेकर लखनऊ पीएमसीएच जाना पड़ता है। हर तीसरे महीने करीब 20000 रुपए खर्च हो जाते हैं।

प्रतिभा पाटिल भी करवा चुकी हैं इनका इलाज

साल 2007 में जब इन्‍होंने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मुलाक़ात की थी तब उन्‍होंने इनके इलाज का पूरा खर्च उठाया था। इनके इलाज में जो भी खर्च होता था उसका भुगतान राष्ट्रपति भवन से होता था। प्रतिभा पाटिल के हटने के बाद उसे भी बंद कर दिया गया।

पीएम मोदी से करना चाहती हैं मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 जुलाई को कानपुर के दौरे पर आने वाले हैं। श्रुति और गोरे ने उनसे मिलना चाहती हैं इसके लिए उनके पिता राजकुमार ने पीएम को खत भी लिखा है। श्रुति और गोरे के मुताबिक वे पीएम से मिलकर अपने इलाज के साथ-साथ उन बच्चों के इलाज के लि‍ए मदद की गुहार लगाना चाहती हैं जो इस बीमारी से पीड़ित हैं। दोनों बहनों ने कहा कि उन्हें पीएम मोदी के अभियान खासकर स्वच्छ भारत अभियान काबिले तारीफ। श्रुति और गोरे ने कहा कि पीएम मोदी आज के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं इसलिए वे उनसे एक बार मिलना चाहती हैं।

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