लोकतंत्र में असहमति का स्वागत है, लेकिन देश को तोड़ने की बात नहीं कर सकते: उपराष्ट्रपति

Edited By Ajay kumar,Updated: 17 Feb, 2020 09:56 AM

vice president said this statement

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू रविवार को रांची पहुंचे। राज्यपाल द्रोपदी मूर्मु ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। रांची विवि के आर्यभट्ट सभागार में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

रांचीः उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू रविवार को रांची पहुंचे। राज्यपाल द्रोपदी मूर्मु ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। रांची विवि के आर्यभट्ट सभागार में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र में असहमति का स्वागत है, लेकिन इसके नाम पर देश को तोड़ने की बात नहीं कर सकते।

नायडू ने कहा कि लोकतंत्र का मतलब चर्चा और बहस है, ना कि तोड़फोड़, अवरोध या विध्वंस। उन्होंने कहा, कुछ लोग कहते हैं लोकतंत्र में असहमति जरूरी है। इसका स्वागत है लेकिन असहमति के नाम पर आप राष्ट्र की एकता और अखंडता के खिलाफ नहीं बोल सकते । इसे सबको समझना होगा। उपराष्ट्रपति ने कहा कि अशांति और व्यवधान प्रगति में बाधा डालते हैं । नायडू ने कहा, हमारे पास प्रत्येक 5 साल में किसी (पार्टी) को वोट देने या उसे (सत्ता से) हटाने का अधिकार है, लेकिन लोकतंत्र में हिंसा का स्थान नहीं है। यह राष्ट्र के खिलाफ है और हर किसी को यह समझना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि कुछ लोग इस बात की हिमायत करते हैं कि क्रांति बंदूक के बल पर आती है, लेकिन बैलेट बुलेट से कहीं अधिक शक्तिशाली है। क्रांति की हिमायत करना कुछ लोगों के लिए फैशन बन गया है, लेकिन क्रांति नहीं, बल्कि क्रमिक विकास की जरूरत है।

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