Edited By prachi,Updated: 14 Jun, 2019 01:30 PM
झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में आयुष्मान भारत याेजना के मरीजाें के लिए दवा नहीं है। इन मरीजाें से बाहर से भी दवा नहीं मंगाई जा सकती। इसी दौरान दवा के अभाव में आयुष्मान भारत के मरीज दम ताेड़ रहे हैं। बुधवार रात भी जमशेदपुर निवासी जीतू बाग (50)...
रांची: झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में आयुष्मान भारत याेजना के मरीजाें के लिए दवा नहीं है। इन मरीजाें से बाहर से भी दवा नहीं मंगाई जा सकती। इसी दौरान दवा के अभाव में आयुष्मान भारत के मरीज दम ताेड़ रहे हैं। बुधवार रात भी जमशेदपुर निवासी जीतू बाग (50) की दवा न मिलने से माैत हाे गई।
इस दौराम मृतक जीतू बाग की पत्नी बिमला ने जानकारी देते हुए बताया कि लीवर की बीमारी से पीड़ित जीतू बाग काे 8 जून काे रिम्स में भर्ती कराया गया था। डाॅक्टराें ने 4 दिन पहले रिम्स प्रबंधन काे उसकी दवा के लिए मांग पत्र भेजा, लेकिन दवा नहीं मिली। रिम्स प्रबंधन ने यह कहते हुए मांग पत्र लाैटा दिया कि दवा नहीं है। अंतत: जीतू बाग की माैत हाे गई।
वहीं इससे पहले पिछले शुक्रवार काे भी मेडिसिन आईसीयू में बेड नंबर 11 पर भर्ती हजारीबाग के टाटी झरिया निवासी अरुण कुमार महताे (39) की भी दवा न मिलने से माैत हाे गई थी। अरुण काे आयुष्मान भारत याेजना के तहत 25 मई काे यहां भर्ती कराया गया था, लेकिन 12 दिन बाद भी दवा नहीं मिली।