Edited By prachi,Updated: 09 May, 2018 06:28 PM
झारखंड के जमशेदपुर के सरकारी अस्पताल एमजीएम में उस समय हड़कम्प मच गया जब किन्नरों ने अस्पताल में पहुंचकर जमकर बवाल काटा। उन्होंने नग्न अवस्था में हंगामा करते हुए अस्पताल अधीक्षक को चेतावनी दी। जानकारी के अनुसार, पिछले दिनों स्थानीय अखबार में एक...
जमशेदपुरः झारखंड के जमशेदपुर के सरकारी अस्पताल एमजीएम में उस समय हड़कम्प मच गया जब किन्नरों ने अस्पताल में पहुंचकर जमकर बवाल काटा। उन्होंने नग्न अवस्था में हंगामा करते हुए अस्पताल अधीक्षक को चेतावनी दी।
क्या है मामला
जानकारी के अनुसार, पिछले दिनों स्थानीय अखबार में एक मामला आया था। अखबार में आई खबर के मुताबिक एक व्यक्ति रात के अंधेरे में अपने रूप को बदल कर औरत का रूप धारण कर घर में घूमता रहता था। उसकी इस हरकत को देखते हुए परिजनों ने उसे एमजीएम अस्पताल में मनो चिकित्सक से दिखाया।
डॉक्टर के बयान का निकाला गया गलत मतलब
इस पर एमजीएम अस्पताल के डॉक्टर दीपक गिरी ने बताया कि यह एक किस्म की बीमारी है जो मर्दो में पाई जाती है जिसे स्वास्थ्य विज्ञान में पाराफैलिया कहा जाता है। किन्नरों ने रात में महिला का भेष धारण करने वाले उस शख्स को भूलवश किन्नर समझ लिया और चिकित्सक के द्वारा अखबार में आई बयान पर विरोध करने एमजीएम अस्पताल पहुंच गए और जमकर बवाल काटा।
किन्नरों ने मांगा स्पष्टीकरण
इस दौरान किन्नरों ने अस्पताल परिसर से लेकर अस्पताल अधीक्षक के कक्ष तक घूमकर ताली बजाते हुए अपना क्रोध जाहिर किया। किन्नरों ने अस्पताल के अधीक्षक नकुल चौधरी के कक्ष में प्रवेश कर विरोध जताते हुए स्पष्टीकरण मांगा।
अस्पताल अधीक्षक ने दी सफाई
अस्पताल अधीक्षक ने किन्नरों को इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि डॉ दीपक गिरी का बयान किन्नरों पर नहीं बल्कि पुरुषों में एक तरह की बीमारी होने से औरतों के भेष धारण करने को लेकर था। यह पूरा मामला एक बीमारी है इसका किन्नरों से कोई संबंध नहीं है।