पीएम मोदी के नेतृत्व में विकास के पथ पर बढ़ रहा है झारखंडः रघुवर दास

Edited By Nitika,Updated: 18 Jun, 2018 10:54 AM

jharkhand is growing on the path of development

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास रविवार को नई दिल्ली राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नीति आयोग के शासी निकाय की चौथी बैठक में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने नीति आयोग को सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने के लिए आभार व्यक्त किया।

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास रविवार को नई दिल्ली राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नीति आयोग के शासी निकाय की चौथी बैठक में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने नीति आयोग को सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने के लिए आभार व्यक्त किया। 
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राज्य सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रयासरत 
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए अपने संसाधनों से अनुसूचित जनजाति बहुल 6 अन्य आकांक्षी जिलों के लिए वर्ष 2018-19 से अगले 3 वर्षों के लिए प्रतिवर्ष 50 करोड़ प्रति जिला, कुल 300 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष की सहायता देने का प्रबंध किया है। इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने झारखंड में आकर राज्य के आकांक्षी जिलों के उपायुक्तों से सीधी बात कर उनका मनोबल ऊंचा किया जिससे विकास के प्रति राज्य में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। राज्य सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसे मूर्त रूप देने के लिए प्रयासरत है। 

राज्य में लगभग 1 लाख 30 हजार सखी मंडलों का किया गया गठन 
झारखंड ने वर्ष 2015 से आवश्यकता आधारित उर्वरक उपयोग के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड स्कीम का कार्यान्वयन प्रारंभ किया है, जिसमें अब तक 3.7 लाख मिट्टी के सैम्पल की जांच हो चुकी है तथा 9.22 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। इस योजना के के अन्तर्गत वर्ष 2018-19 के अंत तक 25 लाख किसानों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। सीएम ने कहा कि झारखंड में लगभग 950 ग्रामीण हाट है, जिन्हें विकसित करने की कार्रवाई की जा रही है। इसके अतिरिक्त राज्य में लगभग 1 लाख 30 हजार सखी मंडलों का गठन किया गया है। 
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योजनाओं के कार्यान्वयन में लोगों की सहभागिता के लिए विकास समितियां गठित 
बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की योजनाओं के चयन और कार्यान्वयन में ग्रामीणों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए ग्राम विकास समितियां गठित की हैं। जिन गांवों में अनुसूचित जनजाति की आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है, वहां आदिवासी विकास समिति का गठन किया गया है। इस तरह राज्य में अब तक 15327 आदिवासी विकास समितियां और 10212 ग्राम विकास समितियां गठित की गई हैं, जिन्हें 5 लाख रूपए तक की योजनाओं की स्वीकृति और क्रियान्वयन का अधिकार दे दिया गया है।
 

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