Edited By prachi,Updated: 21 Jan, 2019 05:33 PM
एक तरफ सरकार किसानों की आय को 2022 तक दोगुनी करने की बात कह रही है, वहीँ दूसरी तरफ गोड्डा जिले (Godda district) के पोड़ैयाहाट (Podiahahat) के किसान अपने खेतों को पानी देने वाली नदी को बचाने के लिए दो दिनों से भूख हड़ताल (hunger strike) पर बैठे हुए...
गोड्डा: एक तरफ सरकार किसानों की आय को 2022 तक दोगुनी करने की बात कह रही है, वहीँ दूसरी तरफ गोड्डा जिले (Godda district) के पोड़ैयाहाट (Podiahahat) के किसान अपने खेतों को पानी देने वाली नदी को बचाने के लिए दो दिनों से भूख हड़ताल (hunger strike) पर बैठे हुए हैं। इस अनशन कार्यक्रम में अधिकांश बुजुर्ग किसान ही नजर आए।
दरअसल पोड़ैयाहाट के सिंघेश्वर नाथ धाम मंदिर (Singheshwar Nath Dham Temple) के परिसर में किसान इस बात से नाराज होकर आमरण अनशन पर बैठे हैं कि इस इलाके की एक मात्र चीर नदी (Chir river) से बालू उठाव का टेंडर कर दिया है जो पहले कभी नहीं हुआ था। किसानों का मानना है कि जो हालात गोड्डा की लाइफ लाइन कझिया नदी (Kajhia River) के बेतरतीब बालू उठाव से हुई है। वही हालत आने वाले दिनों में चीर नदी की होगी। लोगों को पीने और खेती के लिए पानी मिलना मुश्किल हो जाएगा।
अनशन के दूसरे दिन इन किसानों को सोमवार (Monday) को क्षेत्र के विधायक प्रदीप यादव (MLA Pradeep Yadav) का भी समर्थन मिला। विधायक ने सोमवार को दिन भर किसानों के अनशन स्थल पर समय दिया। प्रदीप यादव ने इस मौके पर कहा कि जिस चीर नदी में बालू के उठाव का सरकार ने टेंडर कर दिया है, वहां 15 किलोमीटर क्षेत्र में बसे हुए 80 गांवों की डेढ़ लाख आबादी इस फैसले से प्रभावित होगी। चीर नदी की बदौलत जो 4 पेयजल योजनाएं संचालित हो रही हैं वे भी बेकार हो जाएंगी। इसलिए सरकार की इस टेंडर को अविलम्ब रद्द कर देना चाहिए। इस दौरान उन्होंने इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाने की बात कही।