Edited By prachi,Updated: 09 Feb, 2019 12:10 PM
झारखंड स्वास्थ्य विभाग (Jharkhand Health Department) द्वारा गरीबों को बांटे जाने वाली दवाइयों (Medicines) के सड़ने और बेकार पड़े मेडिकल उपकरण (Medical Equipment) के मामले में सरकार कार्रवाई करेगी। इस मामले में दोषी पदाधिकारियों को दंडित करने की...
रांची: झारखंड स्वास्थ्य विभाग (Jharkhand Health Department) द्वारा गरीबों को बांटे जाने वाली दवाइयों (Medicines) के सड़ने और बेकार पड़े मेडिकल उपकरण (Medical Equipment) के मामले में सरकार कार्रवाई करेगी। इस मामले में दोषी पदाधिकारियों को दंडित करने की कानूनी प्रक्रिया चल रही है। शुक्रवार (Friday) को सत्र के अंतिम दिन अल्पसूचित के तहत झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी (JMM legislator Stephen Marandi) ने सदन में यह मामला उठाया था।
झामुमो विधायक मरांडी ने सदन में बताया कि 50 करोड़ रुपये (50 crores) की 50 टन (50 tons) दवाएं गोदाम में सड़ गई हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग इन दवाइयों को जलाने की तैयारी कर रहा है। विधायक का सवाल था कि 26 करोड़ रुपये में 517 प्रकार के 16400 मेडिकल उपकरणों की खरीदारी हुई। इसमें 3734 मशीनें काम नहीं कर रही हैं। 25 लाख के दो सेल सेवर मशीन भी खराब हैं। राज्य के विभिन्न जिलों में मशीन को कार्टन में बंद कर रखा गया है, जबकि जिलों में 1195 मशीनें बेकार हैं।
झामुमो विधायक का कहना था कि बिना सर्वे के खरीदारी हो रही है। जिस स्वास्थ्य केंद्र में जिस दवा या मशीन की जरूरत नहीं है, उसे वहां भेजा जाता है केवल खरीदारी के लिए यह सब कुछ हो रहा है। विभागीय मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी (Departmental Minister Ramchandra Chandravanshi) का जवाब था कि यह 2009 का मामला है। इसमें सीबीआई (CBI) ने केस किया है। विधायक का कहना था कि किन-किन पदाधिकारियों पर कार्रवाई हुई है। मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में सीबीआई ने एफआईआर (FIR) दर्ज की हुई है। इस मामले में अभी तक विभागीय सचिव आरएसीएच (RACH) के पदाधिकारी और आपूर्तिकर्ता पर कार्रवाई हुई है।
स्टीफन मरांडी ने कहा कि जानबूझ कर एक्सपायरी डेट देखे बिना मिलीभगत से खरीदारी होती है। स्पीकर दिनेश उरांव (Speaker Dinesh Uraon) का कहना था कि आवश्यकता के अनुरूप खरीदारी होनी चाहिए। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।