Edited By prachi,Updated: 06 Jul, 2018 12:45 PM
झारखंड की राजधानी रांची की मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी पर नवजात बच्चे को बेचने का आरोप लगा है। इस सिलसिले में संस्था की एक कर्मचारी अनिमा और दो सिस्टर को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले का खुलासा चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की जांच के दौरान हुआ...
रांची: झारखंड की राजधानी रांची की मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी पर नवजात बच्चे को बेचने का आरोप लगा है। इस सिलसिले में संस्था की एक कर्मचारी अनिमा और दो सिस्टर को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले का खुलासा चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की जांच के दौरान हुआ और इस खुलासे के चलते प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
नवजातों की बिक्री का खुलासा चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की अध्यक्ष रूपा कुमारी ने बुधवार को समाहरणालय स्थित कार्यालय में किया। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार हुई कर्मचारी अनिमा ने स्वीकार किया है कि वह अब तक चैरिटी होम की संचालिका सिस्टर कोनसीलिया की मिलीभगत के चलते आधा दर्जन नवजात बच्चों को बेच चुकी है। इसके अतिरिक्त उसने बताया कि बच्चा बेचने के दौरान उसे पचास हजार से लेकर 1. 20 लाख रुपए मिले थे।
चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की अध्यक्ष ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी की संस्था मे रह रही एक अविवाहिता ने एक मई को बच्चे को जन्म दिया। अनिमा इंदवार ने संचालिका सिस्टर कोनसीलिया के साथ मिलकर बच्चे को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के ओबरा में रहने वाले दंपती सौरभ अग्रवाल व प्रीति अग्रवाल को 1.20 लाख रुपए में बेच दिया।
इसके बाद तीन जुलाई को अनिमा ने बच्चा यह कहकर दंपती से वापस ले लिया कि उसे कोर्ट में पेश करना है। इसके बाद वह बच्चा लेकर गायब हो गई। बच्चा ना मिलने पर दंपती ने इसकी शिकायत चाइल्ड वेलफेयर कमेटी में की। मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने संस्था में छापेमारी की और 1.48 लाख रुपए जब्त भी किए हैं।