Edited By prachi,Updated: 22 May, 2019 01:42 PM
मानदेय ना मिलने से झारखंड के पारा शिक्षक एक बार फिर से आंदोलन की राह पर हैं। वहीं इससे पहले भी स्थायीकरण तथा मानदेय में बढ़ोतरी की मांग को लगभग ढाई महीने तक राज्य के विद्यालयों में पठन-पाठन का कार्य ठप कर चुके पारा शिक्षकों का गुस्सा फिर उबाल पर...
रांची: मानदेय ना मिलने से झारखंड के पारा शिक्षक एक बार फिर से आंदोलन की राह पर हैं। वहीं इससे पहले भी स्थायीकरण तथा मानदेय में बढ़ोतरी की मांग को लगभग ढाई महीने तक राज्य के विद्यालयों में पठन-पाठन का कार्य ठप कर चुके पारा शिक्षकों का गुस्सा फिर उबाल पर है। गुस्से की वजह राज्य के 67 हजार पारा शिक्षकों को फरवरी से मानदेय नहीं दिया जाना है।
इसी दौरान एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने कहा है कि सरकार की ढुलमुल नीतियों के कारण उनकी होली फीकी रही, सरकार अब रमजान को किरकिरा करने पर तुली है। मोर्चा के सदस्य संजय कुमार दुबे ने कहा है कि इस मसले पर 8 अप्रैल को मोर्चा के शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी समस्याएं रखी थीं। इसके बावजूद मानदेय के लिए टकटकी लगी है।
मोर्चा ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री तथा परियोजना निदेशक से राज्य के हजारों शिक्षकों की परेशानियों को केंद्र में रखकर सकारात्मक पहल करने का आग्रह किया है। मोर्चा ने कहा है कि मानदेय नहीं मिलने से सैकड़ों पारा शिक्षकों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई है।