Edited By Nitika,Updated: 27 Feb, 2020 06:03 PM
बिहार विधानसभा में एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित होने पर उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि इसके बाद राजग सरकार की मंशा पर सवाल उठाकर एक समुदाय विशेष को नागरिकता छिन जाने का काल्पनिक भय...
पटनाः बिहार विधानसभा में एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित होने पर उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि इसके बाद राजग सरकार की मंशा पर सवाल उठाकर एक समुदाय विशेष को नागरिकता छिन जाने का काल्पनिक भय दिखाने वाले चेहरे बेनकाब हो गए हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में सत्ता में शामिल भाजपा के कुछ नेता इस प्रस्ताव के पारित होने पर जहां इस बात पर जोर दे रहे हैं कि इसके जरिए विपक्ष की हवा निकल गई। वहीं पार्टी के भीतर एक धारा अभी भी इसको लेकर पशोपेश में है। बिहार विधानसभा स्थित नीतीश के कक्ष में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी की उनसे मुलाकात को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है।
सुशील मोदी ने विपक्ष के कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा यह स्पष्ट करने के बाद कि बिहार में एनपीआर, 2010 के राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के आधार पर किया जाएगा, इस संबंध में कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। सुशील ने कहा कि केंद्र ने बार बार स्पष्ट किया है एनपीआर में कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा और कोई दस्तावेज दिखाने की आवश्यक्ता नहीं है। वहीं एनपीआर का संबंध एनआरसी के साथ नहीं है ।