सुपर-30’ की सफलता पर जल्द प्रकाशित होगी किताब

Edited By ,Updated: 20 Jan, 2016 06:58 PM

super 30 on the success of the book will be published soon

समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 30 विद्यार्थियों को देश के प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों आईआईटी में प्रतिवर्ष भेजने वाले ‘सुपर-30’ की सफलता की कहानी जल्द ही एक किताब के रूप में प्रकाशित होकर लोगों के सामने आयेगी।

भोपाल: समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 30 विद्यार्थियों को देश के प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों आईआईटी में प्रतिवर्ष भेजने वाले ‘सुपर-30’ की सफलता की कहानी जल्द ही एक किताब के रूप में प्रकाशित होकर लोगों के सामने आयेगी। भारतीय मूल के डॉक्टर और मनोचिकित्सक डॉ बीजू मेथ्यू ‘सुपर-30’ की सफलता पर करीब 250 पन्नों और छह से सात अध्याय वाली एक किताब लिख रहे हैं,जो कि लगभग दो से तीन माह में बिक्री के लिये बाजार में आ जायेगी। इसे पेन्गुइन बुक्स और रेंडम हाउस द्वारा प्रकाशित किया जायेगा। डॉ मेथ्यू ने बताया, ‘‘कनाडा के ग्लोबल मेल अखबार में छपे एक लेख के जरिये मुझे सुपर-30 और इसके संस्थापक आनंद कुमार के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद हमने उन्हें आनंद कुमार को लेक्चर देने के लिये कनाडा आमंत्रित करने का निर्णय लिया।’’ मनोचिकित्सकों के एक सेमिनार में शामिल होने कनाडा से यहां आए डॉ मेथ्यू ने कहा, ‘‘आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों की मदद के प्रति आनंद कुमार के जज्बे और कार्यो को देखने के बाद मैंने रामानुजम गणित स्कूल के तहत चलने वाले संस्थान सुपर-30 के बारे में लिखने का फैसला लिया।’’ 
 
उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से कुमार इस काम में पिछले 14 साल से लगातार लगे हुए हैं,यह कोई साधारण बात नहीं है। सामान्यत:पैसा आने के बाद और मशहूर होने के बाद लोग वैभव पूर्वक जीवन के तरफ मुड़ जाते हैं,लेकिन कुमार अपने लक्ष्य के प्रति लंबे समय से लगातार काम कर रहे हैं जो कि एक असाधारण और असंभव सी बात है।’’ उन्हांेने कहा, ‘‘इस किताब को लिखने के लिये मैंने कुमार के पटना स्थित घर में लम्बा समय बिताया,उनकी कक्षाएं देखीं तथा उनके पुराने और वर्तमान विद्यार्थियों,जिनका जीवन कुमार ने बिना किसी से सहयोग लिये अकेले अपने दम पर बदल दिया,से लम्बी चर्चाएं की। इसके साथ ही मैंने देखा की उनके इस काम में उनकी मां,पत्नी और परिवार के अन्य लोग भी मदद करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि यह सब देखने के बाद मैंने अगली पीढ़ी को प्रेरित करने के लिये सुपर-30 और आनंद कुमार पर किताब लिखने का निर्णय लिया।
 
‘सुपर-30’ की सफलता की कहानी जल्द ही एक किताब के रूप में प्रकाशित होकर लोगों के सामने आयेगी। भारतीय मूल के डॉक्टर और मनोचिकित्सक डॉ बीजू मेथ्यू ‘सुपर-30’ की सफलता पर करीब 250 पन्नों और 6 से 7 अध्याय वाली एक किताब लिख रहे हैं,जो कि लगभग दो से तीन माह में बिक्री के लिये बाजार में आ जायेगी। इसे पेन्गुइन बुक्स और रेंडम हाउस द्वारा प्रकाशित किया जायेगा। डॉ मेथ्यू ने बताया, ‘‘कनाडा के ग्लोबल मेल अखबार में छपे एक लेख के जरिये मुझे सुपर-30 और इसके संस्थापक आनंद कुमार के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद हमने उन्हें आनंद कुमार को लेक्चर देने के लिये कनाडा आमंत्रित करने का निर्णय लिया।’’ मनोचिकित्सकों के एक सेमिनार में शामिल होने कनाडा से यहां आए डॉ मेथ्यू ने कहा, ‘‘आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों की मदद के प्रति आनंद कुमार के जज्बे और कार्यो को देखने के बाद मैंने रामानुजम गणित स्कूल के तहत चलने वाले संस्थान सुपर-30 के बारे में लिखने का फैसला लिया।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से कुमार इस काम में पिछले 14 साल से लगातार लगे हुए हैं,यह कोई साधारण बात नहीं है। सामान्यत पैसा आने के बाद और मशहूर होने के बाद लोग वैभव पूर्वक जीवन के तरफ मुड़ जाते हैं,लेकिन कुमार अपने लक्ष्य के प्रति लंबे समय से लगातार काम कर रहे हैं जो कि एक असाधारण और असंभव सी बात है।’’ उन्हांेने कहा, ‘‘इस किताब को लिखने के लिये मैंने कुमार के पटना स्थित घर में लम्बा समय बिताया,उनकी कक्षाएं देखीं तथा उनके पुराने और वर्तमान विद्यार्थियों,जिनका जीवन कुमार ने बिना किसी से सहयोग लिये अकेले अपने दम पर बदल दिया,से लम्बी चर्चाएं की। इसके साथ ही मैंने देखा की उनके इस काम में उनकी मां,पत्नी और परिवार के अन्य लोग भी मदद करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि यह सब देखने के बाद मैंने अगली पीढ़ी को प्रेरित करने के लिये सुपर-30 और आनंद कुमार पर किताब लिखने का निर्णय लिया।

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