Edited By prachi,Updated: 05 Aug, 2018 05:30 PM
कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि नीतीश कुमार का जदयू और राम विलास पासवान की लोजपा जैसी पार्टियां अगर भाजपा के साथ बनी रहती हैं तो इनकी प्रासंगिकता खत्म हो जाएगी क्योंकि पिछड़े वर्गों में नाराजगी है। गोहिल ने कहा कि बिहार में...
पटनाः कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि नीतीश कुमार का जदयू और राम विलास पासवान की लोजपा जैसी पार्टियां अगर भाजपा के साथ बनी रहती हैं तो इनकी प्रासंगिकता खत्म हो जाएगी क्योंकि पिछड़े वर्गों में नाराजगी है। गोहिल ने कहा कि बिहार में महागठबंधन के बीच सीटों के बंटवारे के लिए मुख्य मानदंड ‘जीतने की क्षमता’ रहेगी और प्रदेश में विपक्ष की एकता अन्य राज्यों में भी सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी की सरकार पिछड़ा वर्ग के खिलाफ
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि बिहार में राजग के घटक दलों जदयू, लोक जनशक्ति पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का जनाधार मुख्य रूप से पिछड़े वर्ग के बीच है इसलिए लोकसभा चुनाव से पहले वह राजग से नाता तोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में साफ संदेश गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग के खिलाफ है। चाहे नीतीश कुमार हों, पासवान हों या कुशवाहा जो भी भाजपा के साथ गठबंधन में हैं, वह इन वर्गों का समर्थन चाहते हैं तो भाजपा गठबंधन में कैसे रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि यह पार्टियां राजग के साथ बनी रहेंगी और यदि यह पार्टियां भाजपा के साथ बनी रहती हैं तो इनकी राजनितिक प्रासंगिकता समाप्त हो जाएगी।
एससी-एसटी अत्याचार रोकथाम अधिनियम को सरकार ने किया कमजोर
गोहिल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के शासनकाल में मजबूत अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अत्याचार रोकथाम अधिनियम लाया गया था जिसे राजग सरकार ने कमजोर करने का ‘पाप’ किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि एससी एवं एसटी के खिलाफ दो निर्णय देने वाले न्यायाधीश को सेवानिवृत्ति के बाद राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण का अध्यक्ष बना दिया गया।